सीसीआरएएस ने की आयुर्वेद चिकित्सा पद्धतियों को वैज्ञानिक सत्यापन के जरिये मुख्यधारा में लाने की पहल
नई दिल्ली, 22 नवंबर (हि.स.)। केंद्रीय आयुर्वेदीय विज्ञान अनुसंधान परिषद (सीसीआरएएस) ने व्यावहारिक आयुर्वेद चिकित्सा पद्धतियों को वैज्ञानिक सत्यापन और साक्ष्य-आधारित (एविडेंस बेस्ड) मूल्यांकन के माध्यम से मुख्यधारा में लाने की पहल की है। आयुर्वेद चिकित्सकों द्वारा किए जा रहे नए अनुसंधानों को बढ़ावा देने के अपने प्रयास में, सीसीआरएएस, (आयुष मंत्रालय) ने आयुर्वेद चिकित्सकों के लिए आयुर्वेद ज्ञान नैपुण्य इनिशियेटिव (अग्नि ) की शुरुआत की है। इच्छुक योग्य आयुर्वेद चिकित्सक 15 दिसंबर, 2023 तक सीसीआरएएस वेबसाइट पर उपलब्ध प्रारूप के अनुसार आवेदन कर सकते हैं या ईमेल आईडी ccrasagni@gmail.com के जरिए भी संपर्क कर सकते हैं।
सीसीआरएएस के महानिदेशक प्रो. रविनारायणन आचार्य ने बताया कि आयुर्वेद चिकित्सकों के बीच साक्ष्य-आधारित (एविडेंस बेस्ड) अभ्यास की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान किया गया है । इस पहल का उद्देश्य वैज्ञानिक सत्यापन और साक्ष्य-आधारित मूल्यांकन के माध्यम से व्यावहारिक चिकित्सा पद्धतियों को मुख्यधारा में लाने के लिए अनुसंधान करना भी है।
सीसीआरएएस, एनसीआईएसएम (नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम ऑफ मेडिसिन) के परामर्श से शिक्षा और शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए रिपोर्ट की गई चिकित्सा पद्धतियों और चिकित्सीय नियमों का दस्तावेज तैयार कर प्रकाशित करेगा। आयुर्वेद चिकित्सकों और अन्य संबंधित संस्थानों / संगठनों के सहयोग से अनुसंधान प्रस्तावों को तैयार करके मुख्यधारा में लाने का काम किया जाएगा। वैज्ञानिक सत्यापन के लिए रिपोर्ट की गई चिकित्सा पद्धतियों पर सीसीआरएएस द्वारा आगे के अनुसंधान अध्ययन भी किए जा सकते हैं।
हाल के दिनों में आयुर्वेद चिकित्सा ने नई और पुरानी दोनों तरह की कई नई रोग स्थितियों को सफलतापूर्वक प्रबंधित किया है, जिनका वर्णन आयुर्वेद के शास्त्रीय ग्रंथों में नहीं किया गया है। देश में 500,000 से अधिक पंजीकृत आयुर्वेद चिकित्सक हैं। आयुष मंत्रालय के अंतर्गत सक्रिय सीसीआरएएस एक शीर्ष अनुसंधान संगठन है, जो लगातार शोध और अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। आयुर्वेद कॉलेजों और अस्पतालों के माध्यम से वैज्ञानिक अनुसंधान को बढ़ावा देने का प्रयास सीसीआरएएस द्वारा लगातार किया जाता रहा है ।
हिन्दुस्थान समाचार/ विजयलक्ष्मी/दधिबल
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