राष्ट्रपति और राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर राहुल गांधी का भाषण पूर्णतः असत्य, निराधार एवं भ्रामक: चंपत राय

राष्ट्रपति और राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर राहुल गांधी का भाषण पूर्णतः असत्य, निराधार एवं भ्रामक: चंपत राय
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राष्ट्रपति और राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर राहुल गांधी का भाषण पूर्णतः असत्य, निराधार एवं भ्रामक: चंपत राय


राष्ट्रपति और राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर राहुल गांधी का भाषण पूर्णतः असत्य, निराधार एवं भ्रामक: चंपत राय

-  श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपत राय ने कहा, राहुल का भाषण हमारे लिए गम्भीर आपत्तिजनक

अयोध्या, 30 अप्रैल (हि.स.)। गुजरात के पाटन में सोमवार को एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के आदिवासी होने की वजह से राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में नहीं बुलाए जाने की बात कही। इस पर श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपत राय ने राहुल गांधी के बयान का खंडन करते हुए गंभीर आपत्तिजनक बताया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के भाषण के ये वाक्य पूर्णतः असत्य, निराधार और भ्रामक है।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपत राय ने कहा कि राहुल गांधी का यह भाषण कि “श्री राम जन्मभूमि मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा आयोजन में राष्ट्रपति महोदया द्रौपति मुर्मू को आदिवासी होने के कारण आमंत्रित नहीं किया गया”, पूर्णतः असत्य, निराधार व भ्रामक है। उन्होंने कहा कि तीन मास पूर्व सम्पन्न हुए कार्यक्रम के बारे में तथ्यों की खोज बीन किए बिना ही असत्य, निराधार व भ्रामक भाषण समाज में भेदभाव पैदा कर सकता है। भाषण के ये अंश हमारे लिए गम्भीर आपत्तिजनक हैं।

चंपत राय ने आगे कहा, 'मैं उनको (राहुल गांधी) स्मरण कराना चाहूंगा कि महान भारत की राष्ट्रपति द्रोपदी मूर्मू एवं पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, दोनों को प्राण प्रतिष्ठा के पावन अवसर पर आमन्त्रित किया गया था। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग समाज से जुड़े हुए संत महापुरुष, गृहस्थजन और जीवन के भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में यश प्राप्त करने वाले, भारत का गौरव बढ़ाने वाले सज्जनों को आमंत्रित किया गया था।' उन्होंने कहा कि इस पावन अवसर पर मंदिर में सेवारत श्रमिक, अल्पसंख्यक भी उपस्थित रहे। इतना ही नहीं, प्राण प्रतिष्ठा पूजन विधि के समय मंदिर के गूढ़ मण्डप में अनुसूचित जाति, जनजाति व अति पिछड़ा वर्ग के गृहस्थों को पूजन करने का अवसर भी मिला।

हिन्दुस्थान समाचार/पवन/आकाश

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