टेक्नोलॉजी की चुनौतियों को स्वीकार कर आगे बढ़ने की जरूरत: अटॉर्नी जनरल
तमिलनाडु के डॉ. अंबेडकर लॉ यूनिवर्सिटी का 13वां दीक्षांत समारोह
चेन्नई, 24 फरवरी (हि.स.)। भारत के अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने शनिवार को कहा कि प्रौद्योगिकी अपरिहार्य है लेकिन चुनौतियों को स्वीकार कर आगे बढ़ने की आवश्यकता है। हम इसके दायरे में सावधानी पूर्वक चलते रहें लेकिन इसका कोई भी हिस्सा दुरुपयोग से मुक्त नहीं है।
उन्होंने तमिलनाडु के डॉ. अंबेडकर लॉ यूनिवर्सिटी के तेरहवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि नियमों को स्पष्ट करने और कानूनी नियम को परिष्कृत करने में हमारी जिम्मेदारी बढ़ जाती है। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कानून अनुपालन और संतुलन के योग्य हों।
तकनीकी चुनौतियों पर अटॉर्नी-जनरल ने कहा कि एआई तकनीक के युग में राय और संदेह या वैधता आसानी से और संक्रामक रूप से उत्पन्न की जा सकती है। कानूनी पेशे का भविष्य अलग होने की संभावना है क्योंकि यह प्रौद्योगिकी द्वारा अनुकूलित होगा, जिसे हम उलट नहीं सकते।
इस अवसर पर तमिलनाडु के राज्यपाल एवं विश्वविद्यालय के चांसलर आरएन रवि ने कहा कि कानून का अध्ययन, विज्ञान के अध्ययन की तरह है। इसका मूल्य किसी अन्वेषण से कम नहीं बल्कि अधिक है। हमें इस बात पर ध्यान देने की आवश्यकता है कि कानून की व्यावहारिकता को समझें।
हिन्दुस्थान समाचार/ डॉ आरबी चौधरी/संजीव
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