धारः ऐतिहासिक भोजशाला में 96वें दिन भी जारी रहा एएसआई का सर्वे
- भोजशाला में मिट्टी हटाने के दौरान मिले चार पुरा-अवशेष
- हिन्दू समाज ने भोजशाला में की पूजा-अर्चना
भोपाल, 25 जून (हि.स.)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के आदेश पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग का सर्वे मंगलवार को 96वें दिन भी जारी रहा। एएसआई के 10 अधिकारियों की टीम 38 श्रमिकों के साथ सुबह आठ बजे भोजशाला परिसर में पहुंची और शाम पांच बजे बाहर आई। यहां टीम ने आधुनिक उपकरणों के जरिए वैज्ञानिक पद्धति से करीब नौ घंटे काम किया। सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा, आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी मौजूद रहे।
ज्ञानवापी की तर्ज पर जारी सर्वे के 96वें दिन मंगलवार होने के चलते भोजशाला में हिंदू समाज के लोगों को भी पूजा का अधिकार हैं। ऐसे में एएसआई की टीम ने भोजशाला सहित आसपास के परिसर में भी काम किया। इस दौरान उत्तरी भाग में मिट्टी हटाने के दौरान चार पुरा-अवशेष मिले हैं। इनमें एक स्तंभ का आधार वाला पाषाण है, जबकि तीन सामान्य पत्थर हैं। इन पर आकृतियां बनी हुई हैं, लेकिन उनकी सफाई होने के बाद स्थिति स्पष्ट होगी।
भोजशाला के गौरव की पुनर्स्थापना को लेकर भोज उत्सव समिति द्वारा यहां पर प्रति मंगलवार सत्याग्रह किया जाता है। आज भी पूजा व अर्चना के लिए बडी संख्या में हिंदू समाज के लोग सुबह के समय पहुंचे, गर्भगृह में मां वाग्देवी सहित भगवान हनुमान का तेल चित्र रखकर पूजन किया गया। इस दौरान सरस्वती वंदना सहित सुंदरकांड करते हुए आरती की गई और प्रसादी का वितरण भी किया गया। पूजा-अर्चना के दौरान भी सर्वे रोका नहीं गया, टीम के सदस्य बाहरी क्षेत्र में अपना काम करते रहे। मंगलवार होने के चलते अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात किया गया था।
सर्वे के बाद हिन्दू पतक्षकार गोपाल शर्मा ने बताया कि भोजशाला के बाहरी उत्तर पूर्वी कोने, कमाल मौलाना दरगाह के पश्चिम से उत्खनन के दौरान चार अवशेष प्राप्त हुए, जिनमें एक भोजशाला के पिलर का गोल बेस है, जिस पर सनातनी आकृतियां बनी है। वहीं, तीन मोल्डिंग के अवशेष है। एएसआई की टीम ने सभी अवशेषों को संरक्षित किया हैं। जो अवशेष अब तक प्राप्त हुए थे, उन्हें पंक्तिबद्ध करने का काम भी हुआ।
मुस्लिम पक्षकार अब्दुल समद ने कहा कि आज दक्षिण व पश्चिम में जो ट्रेंच कम्प्लीट हो चुकी। उनकी फोटोग्राफी वीडियो ग्राफी की गई। उत्तर में जो खुदाई कल चार फीट तक थी, आज उसमें एक आकृति बना पत्थर और 2-3 मोल्डिंग के टुकड़े मिले हैं। अंदर कुछ खंभों की भी फोटोग्राफी वीडियो ग्राफी की गई।
खुदाई के लिए समय बढ़ाने की मांग कर सकती है एएसआई
भोजशाला परिसर में चल रहा एएसआई का सर्वे 27 जून को समाप्त हो जाएगा। इसके बाद एएसआई को अपनी रिपोर्ट दो जुलाई को हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ के समक्ष प्रस्तुत करनी है। हाई कोर्ट में चार जुलाई को सुनवाई होनी है। अब तक भोजशाला परिसर में कच्ची सतह वाले स्थानों पर ही खुदाई हो सकी है। मुख्य परिसर के फर्श वाले स्थानों की खुदाई नहीं की गई है। चूंकि ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) सर्वे में इन स्थलों पर भी जमीन के भीतर संरचना होने के संकेत मिले हैं। ऐसे में याचिका पक्ष का कहना है कि एएसआई न्यायालय के समक्ष फिर से समय बढ़ाने की मांग रख सकती है, ताकि मुख्य परिसर के भीतर फर्श वाले स्थलों पर भी खुदाई की जा सके।
बता दें कि भोजशाला में एएसआई द्वारा 22 मार्च को सर्वे शुरू किया गया था। हिन्दू पक्षकार गोपाल शर्मा एवं याचिकाकर्ता आशीष गोयल ने कहा कि भोजशाला में सर्वे में कई महत्वपूर्ण प्रमाण मिले हैं। पक्के फर्श वाले स्थानों पर भी कई पुरावशेष दबे होने की संभावना है। इसका ध्यान रखते हुए सर्वे को पूर्णत: दी जाए। उन्होंने कहा कि हमारी मांग है कि एएसआई हाई कोर्ट में शेष स्थानों के सर्वे की मांग करे।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/प्रभात
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