धारः ऐतिहासिक भोजशाला में 82वें दिन भी जारी रहा एएसआई का सर्वे
- भोजशाला में ओटले की खुदाई में मिला एक बड़े स्तंभ का अवशेष
- हिंदू समाज के लोगों ने किया पूजा-पाठ
भोपाल, 11 जून (हि.स.)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के आदेश पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग का सर्वे मंगलवार को 82वें दिन भी जारी रहा। एएसआई के 12 अधिकारियों की टीम 20 श्रमिकों के साथ सुबह आठ बजे भोजशाला परिसर में पहुंची और शाम पांच बजे बाहर आई। यहां टीम ने आधुनिक उपकरणों के जरिए वैज्ञानिक पद्धति से करीब नौ घंटे काम किया। सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा, आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी मौजूद रहे।
ज्ञानवापी की तर्ज पर जारी एएसआई सर्वे के 82वें दिन भोजशाला के प्रवेश द्वार के अंदर दाहिनी ओर ओटले की खुदाई की गई। इस दौरान एक बड़े स्तंभ का अवशेष मिला है, जिसे एएसआई की टीम ने संरक्षित कर लिया है। मंगलवार होने के चलते हिंदू समाज के लोगों ने सर्वे के बीच ही भोजशाला में पूजा-पाठ की। ऐसे में टीम ने भोजशाला सहित आसपास के परिसर में भी काम किया है। टीम का मुख्य फोकस पहले निकले अवशेषों को उत्तर से दक्षिण दिशा की और शिफ्ट करने पर रहा। मजदूरों की मदद से यहां पर काम किया गया।
एएसआई की टीम ने सोमवार को जो पुरा-अवशेष मिले थे, आज उसकी साफ-सफाई की जिसमें काले पत्थर की भगवान ब्रह्मा जी के पूरे परिवार की लगभग दो फीट की एक खंडित प्रतिमा सहित शिलालेखो के अवशेष भी मौजूद है। इसी के साथ प्रवेश द्वार के बाई और भी आज साफ सफाई की गई है। संभवतः बुधवार को वहा पर भी एएसआई की टीम उत्खनन कर सकती है।
भोजशाला के गौरव की पुनर्स्थापना को लेकर भोज उत्सव समिति द्वारा यहां पर प्रति मंगलवार सत्याग्रह किया जाता है। आज भी पूजा-अर्चना के लिए बड़ी संख्या में हिंदू समाज के लोग सुबह के समय पहुंचे और गर्भग्रह में मां वाग्देवी सहित भगवान हनुमान का तेल चित्र रखकर पूजन किया गया। इस दौरान सरस्वती वंदना सहित सुंदर कांड करते हुए आरती की गई व प्रसादी का वितरण भी किया गया। पूजा-अर्चना के दौरान भी सर्वे रोका नहीं गया। टीम के सदस्य बाहरी क्षेत्र में अपना काम करते रहे।
पिछले दिनों में सर्वे के दौरान बड़ी संख्या में पाषाण अवशेष मिलने के बाद हिंदू समाज सहित हिंदू संगठनों में काफी उत्साह का माहौल है। सर्वे टीम के साथ मौजूद रहे हिन्दू पक्षकार गोपाल शर्मा ने बताया कि मंगलवार को टीम ने भोजशाला सहित आसपास के परिसर में भी काम किया है। टीम का मुख्य फोकस पहले निकले अवशेषों को उत्तर से दक्षिण दिशा की और शिफ्ट करने पर रहा। मजदूरों की मदद से यहां पर काम किया गया। उन्होंने बताया कि भोजशाला के प्रवेश द्वार के अंदर दाहिनी ओर ओटले की खुदाई में एक बड़े स्तंभ का अवशेष मिला है, जिस पर आकृतिया बनी हुई है। एएसआई की टीम ने उसे संरक्षित कर लिया है।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/प्रभात
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