धारः ऐतिहासिक भोजशाला में 55वें दिन भी जारी रहा एएसआई का सर्वे

धारः ऐतिहासिक भोजशाला में 55वें दिन भी जारी रहा एएसआई का सर्वे
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धारः ऐतिहासिक भोजशाला में 55वें दिन भी जारी रहा एएसआई का सर्वे


-सर्वे में फिर मिले पाषाण अवशेष और सनातन संस्कृति के चिन्ह

हिंदू पक्ष का दावा- स्तंभों की सफाई से दिखाई देने लगी देवी-देवताओं की आकृति

भोपाल, 15 मई (हि.स.)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के आदेश पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग का सर्वे बुधवार को 55वें दिन भी जारी रहा। एएसआई के 13 अधिकारियों की टीम 40 श्रमिकों के साथ सुबह साढ़े आठ बजे भोजशाला परिसर में पहुंची और शाम पांच बजे बाहर आई। यहां टीम ने आधुनिक उपकरणों के जरिए वैज्ञानिक पद्धति से करीब साढ़े आठ घंटे काम किया। सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा, आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी मौजूद रहे।

ज्ञानव्यापी की तर्ज पर चल रहे एएसआई सर्वे के 55वें दिन भोजशाला के भीतरी परिसर में मिट्टी हटाने का काम हुआ। वहीं बाहरी परिसर में भी उत्तर व दक्षिण दिशा में लेवलिंग करने साथ ही खुदाई कार्य जारी रहा। भोजशाला के भीतरी भाग में क्लीनिंग, ब्रशिंग हुई। वहीं, चिह्नित स्थानों से मिट्टी हटाने के काम में तेजी आई है। बुधवार को उत्तर व दक्षिण दिशा में सात फीट खुदाई हुई। इस दौरान दो पाषाण अवशेष प्राप्त हुए। दो बाय दो के चौकोर दो पत्थर अलग-अलग स्थानों से निकले हैं। इन पत्थरों पर कई आकृतियां मिली हैं। पत्थरों को पुरातत्व विभाग ने अपने संरक्षण में ले लिया है। इसमें हिंदू पक्ष ने दावा किया है कि पत्थरों पर हिंदू संस्कृति के चिन्ह मिले हैं। सफाई के बाद यहां भगवान राम, कृष्ण और शिव की आकृतियां दिखने लगी हैं। टीम अभी बारीकी से कार्य कर रही है। कुछ ही दिनों में ये आकृतियां और स्पष्ट हो जाएंगी।

सर्वे टीम के साथ मौजूद रहे हिंदू पक्षकार गोपाल शर्मा ने बताया कि बुधवार को भोजशाला में गर्भगृह के ठीक सामने के स्तंभ की व्यापक सफाई हुई है। इसके बाद इस स्तंभ पर भगवान राम, कृष्ण, परशुराम व भोलेनाथ की आकृति स्पष्ट दिखाई दे रही है। उन्होंने बताया कि हम लोग प्रतिदिन सर्वे में शामिल हो रहे हैं। इसमें पहले हमें शिलालेखों पर घंटे-घड़ियाल, कालसर्प यंत्र देखने को मिले थे। वहीं स्तंभों की लगातार क्लीनिंग व ब्रशिंग हो रही है। गर्भगृह के ठीक सामने के स्तंभ के उत्तर भाग में भगवान कृष्ण की सुदर्शन चक्रधारी स्वरूप की आकृति दिखाई दी है। इसी स्तंभ के दक्षिण में भगवान राम धनुषधारी खड़े हैं। वहीं पूर्व में भगवान परशुराम व पश्चिम में भगवान भोलेनाथ की स्पष्ट आकृति दिखाई दे रही है। यह हिंदू देवी-देवता हिंदू धर्म के प्रतीक हैं। इनको पुरातत्व विभाग में संरक्षण में लिया है।

वहीं, मुस्लिम पक्षकार अब्दुल समद ने बताया कि आज स्मारक के उत्तर और दक्षिण दिशा में खुदाई का काम जारी रहा। स्मारक के अंदर भी तीन दीवार निकली थी, वहां भी मिट्टी हटाने का किया गया। उत्तर-दक्षिण दिशा में कुछ पिलर के अवशेष मिले हैं, जिसकी फोटोग्राफी और नंबरिंग की गई है।

हिन्दुस्थान समाचार/मुकेश/आकाश

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