धारः ऐतिहासिक भोजशाला में 29वें दिन भी जारी रहा एएसआई का सर्वे

धारः ऐतिहासिक भोजशाला में 29वें दिन भी जारी रहा एएसआई का सर्वे
WhatsApp Channel Join Now
धारः ऐतिहासिक भोजशाला में 29वें दिन भी जारी रहा एएसआई का सर्वे


धारः ऐतिहासिक भोजशाला में 29वें दिन भी जारी रहा एएसआई का सर्वे


- स्तंभों और दीवारों पर बनी आकृतियों को समझने के लिए टीम बना रही स्कैच

भोपाल, 19 अप्रैल (हि.स.)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के आदेश पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग का सर्वे शुक्रवार को 29वें दिन भी जारी रहा। दिल्ली और भोपाल के 15 अधिकारियों की टीम 19 श्रमिकों के साथ सुबह छह बजे भोजशाला परिसर में पहुंची और जुमे की नमाज के चलते दोपहर 12 बजे बाहर आ गई। यहां टीम ने आधुनिक उपकरणों के जरिए वैज्ञानिक पद्धति से करीब छह घंटे काम किया। इस दौरान भोजशाला की दीवारों और स्तंभों पर बनी आकृतियों के स्कैच तैयार किए गए। सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा, आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी मौजूद रहे।

दरअसल, भोजशाला को हिन्दू समाज देवी सरस्वती का मंदिर बताता है, जिसे राजा भोज द्वारा बनाया गया था। वहीं, मुस्लिम समाज भोजशाला परिसर में बनी कमाल मौला मस्जिद में प्रति शुक्रवार को जुमे की नमाज अदा करता है। एएसआई की टीम ने शुक्रवार को छह घंटे में भोजशाला के अंदर और बाहर सर्वे किया गया। सर्वे टीम ने एक दिन पहले गुरुवार को परिसर के पीछे उत्तर-दक्षिण दिशा में जिन स्थानों पर काम किया गया था, वहां से शुक्रवार को मिट्टी हटाने का काम किया गया। भोजशाला के अंदर मॉन्यूमेंट्स की दीवारों और ,स्तंभों पर जो लिखावट मिले हैं, उसकी ड्राइंग बनाई गई। इसके बाद मुस्लिम समाज ने दोपहर एक बजे से तीन बजे के बीच नमाज अदा की।

हिंदू पक्षकार गोपाल शर्मा ने बताया कि कल के ही भोजशाला परिसर के पीछे की ओर हो रहे कार्य को आज भी आगे बढ़ाया गया है। गर्भगृह में आज केवल स्तंभों के मेजरमेंट और ड्राइंग बनाई गई है। साथ ही लिखावट को देखा जा रहा है। भोजशाला परिसर के अंदर ज्यादा कार्य नहीं हुआ है। फिलहाल, पिछले हिस्से में ज्यादा काम चल रहा है।

वहीं, मुस्लिम पक्षकार अब्दुल समद ने बताया कि आज पीछे की ओर दक्षिण क्षेत्र में करीब डेढ़ फीट खुदाई की गई। इस खुदाई में एक पक्की जमीन निकली है, जो पहले की हो सकती है। उसकी साफ सफाई और क्लीनिंग का काम शुरु किया गया है। वहीं अंदर की तरफ आज भी स्तंभों और परिसर में जो भी भाषाएं लिखी मिली हैं, उनका भी अध्ययन चल रहा है। समद ने खुदाई पर आपत्ति भी जताई है। उन्होंने कहा कि खुदाई गैरकानूनी ढंग से की जा रही है। हम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। इसके बाद कोर्ट का जो भी आदेश होगा वही सर्वमान्य होगा।

शहर काजी ने एएसआई टीम पर लगाए हाईकोर्ट के आदेश की अवहेलना के आरोप

शुक्रवार को मुस्लिम समाज ने भोजशाला स्थित मस्जिद में दोपहर एक से तीन बजे के बीच जुमे की नमाज अदा की। नमाज पढ़कर बाहर आए शहर काजी वकार सादिक ने मीडिया से बातचीत करते हुए एएसआई की सर्वे टीम पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश की पूरी तरह से अव्हेलना हो रही है। कमाल मौला मस्जिद के बाई तरफ दक्षिण दिशा में फर्श को चार फीट खोदा गया है, जिससे जुमा पढ़ने आए नमाजी नमाज से वंचित रह गए। उन्होंने कहा कि ये मूल अधिकारों का हनन है।

उन्होंने कहा कि ‘क्या ऐसा कोई नहीं, जो इन जिम्मेदारों से कोर्ट के आदेश का पालन करा सके। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि सर्वे के नाम पर मस्जिद की इमारत के मूल स्वरूप को ही परिवर्तित कर दिया गया है। ये आपत्तिजनक है। 1307 ईस्वी में ये मस्जिद बनी थी, जब से यहां निरंतर नमाज अदा की जाती आ रही है। इसका पूरा रिकार्ड भी उनके पास मौजूद है। हमारे पक्षकार की ओर से इसकी शिकायत की गई है।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/प्रभात

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story