धारः ऐतिहासिक भोजशाला में एएसआई का सर्वे संपन्न, लगातार 98 दिन हुआ काम

धारः ऐतिहासिक भोजशाला में एएसआई का सर्वे संपन्न, लगातार 98 दिन हुआ काम
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धारः ऐतिहासिक भोजशाला में एएसआई का सर्वे संपन्न, लगातार 98 दिन हुआ काम


-अंतिम दिन खुदाई के दौरान मिली देवी की खंडित प्रतिमा सहित सात पुरा-अवशेष

भोपाल, 27 जून (हि.स.)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के आदेश पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग का सर्वे गुरुवार को 98वें दिन भी जारी रहा। एएसआई के सात अधिकारियों की टीम 37 श्रमिकों के साथ सुबह आठ बजे भोजशाला परिसर में पहुंची और शाम पांच बजे बाहर आई। यहां टीम ने आधुनिक उपकरणों के जरिए वैज्ञानिक पद्धति से करीब नौ घंटे काम किया। सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा, आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी मौजूद रहे।

ज्ञानवापी की तर्ज पर हुए सर्वे के दौरान भोजशाला परिसर में अंदर व बाहर कई स्थानों पर मजदूरों की मदद से एएसआई की टीम पिछले कई दिनों से मिटटी हटाने सहित उत्खनन का काम कर रही थी, जो अब समाप्त हो गया है। कोर्ट के निर्देशों के अनुरुप गुरुवार को 98वें दिन उत्खन्न का काम विधिवत्त रुप से समाप्त किया गया, जिसकी आधिकारिक घोषणा एएसआई के अधिकारी की ओर से पक्षकारों के समक्ष की गई। हालांकि, टीम जरूरत के हिसाब से यहां पर अवशेषों की फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी सहित अन्य कार्यों के लिए आती रहेगी। इसके अलावा आगामी दिनों में मंगलवार को हिंदू समाज और शुक्रवार को मुस्लिम समाज को अंदर जाने की अनुमति रहेगी। शेष दिनों में पर्यटकों की आवाजाही बंद रहेगी।

एएसआई सर्वे के आखिरी दिन गुरुवार को उत्तरी भाग में खुदाई की गई। इस दौरान टीम को यहां सात अवशेष मिले हैं। इनमें एक देवी प्रतिमा भी है। हालांकि, यह मूर्ति खंडित बताई गई है। वहीं, एक दिन पहले बुधवार को खुदाई में जो 5 इंच की मूर्ति मिली थी, गुरुवार को उसकी सफाई की गई, जिसमें वह मूर्ति ब्रह्माजी की पाई गई है।

सर्वे टीम के साथ मौजूद रहे हिन्दू पक्षकार गोपाल शर्मा ने बताया कि अंतिम दिन उत्तरी भाग में खुदाई के दौरान भोजशाला से सात पुरा-अवशेष मिले हैं। इनमें छह अवशेष स्तंभ के हैं। ये बड़े आकार के पत्थर हैं, जबकि एक देवी की मूर्ति मिली है, जो पूर्ण रूप से खंडित है। केवल गर्दन व आंशिक चेहरा ही दिखाई दे रहा है। वहीं, याचिकाकर्ता आशीष गोयल ने बताया कि सर्वे में देवी-देवताओं की मूर्तियां बड़ी संख्या में मिली हैं। अब इसकी संख्या 39 तक पहुंच गई है। बुधवार की सर्वे में जो एक मूर्ति मिली थी। सफाई करने के बाद पता चला कि यह ब्रह्माजी की मूर्ति है, जो करीब पांच इंच की है।

गौरतलब है कि मप्र हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने हिंदू फॉर जस्टिस की याचिका पर 11 मार्च को भोजशाला के वैज्ञानिक सर्वे के आदेश दिए थे। एएसआई की टीम के आला अधिकारियों द्वारा 22 मार्च से यहां पर सर्वे शुरु किया गया था, पहले कोर्ट ने छह सप्ताह यानी 42 दिन का समय दिया था। हालांकि, एएसआई की ओर से अतिरिक्त समय की मांग की गई। कोर्ट ने 29 अप्रैल को व्यापक कार्य को देखते हुए यह समय सीमा बढ़ा दी गई। इसमें आठ सप्ताह यानी 56 दिन की अवधि और बढ़ाई गई। इस तरह से कुल 98 दिन यानी 27 जून तक सर्वे निर्धारित किया गया था। पिछले 98 दिन से बगैर रुके एएसआई के अधिकारी व कर्मचारी नियमित रुप से यहां पर सर्वे कर रहे हैं। अवकाश के दिनों से लेकर बारिश के बावजूद अधिकारियों ने सुबह से लेकर शाम तक यहां पर काम किया है। धार में पहली बार सर्वे का काम इतने बडे स्तर पर चला है।

अब चूंकि चार जुलाई को हाईकोर्ट में सुनवाई नियत है, जबकि कोर्ट ने एएसआई की टीम को दो जुलाई को सर्वे की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा है। इसलिए अब एएसआई की टीम सर्वे रिपोर्ट को अंतिम रूप देने में जुट गई है। कार्बन डेटिंग रिपोर्ट व विशेषज्ञों की रिपोर्ट भी इसमें शामिल रहेगी। मिटटी हटाने के दौरान भोजशाला में यहां पर छोटे-बडे करीब 1700 अवशेष मिले हैं, जिन्हें भी एएसआई द्वारा संरक्षित किया गया है। इनमें हिन्दू देवी-देवताओं की 39 मूर्तियां भी शामिल हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/मुकेश/आकाश/प्रभात

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