धारः ऐतिहासिक भोजशाला में 23वें दिन भी जारी रहा एएसआई का सर्वे

धारः ऐतिहासिक भोजशाला में 23वें दिन भी जारी रहा एएसआई का सर्वे
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धारः ऐतिहासिक भोजशाला में 23वें दिन भी जारी रहा एएसआई का सर्वे


धारः ऐतिहासिक भोजशाला में 23वें दिन भी जारी रहा एएसआई का सर्वे


- भोजशाला में मिले हवन कुंड का हर एंगिल से हुआ मापन, तीनों ओर खुदाई भी जारी रही

धार, 13 अप्रैल (हि.स.)। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ के आदेश पर धार की ऐतिहासिक भोजशाला में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) विभाग का सर्वे शनिवार को 23वें दिन भी जारी रहा। दिल्ली और भोपाल के 21 अधिकारियों की टीम 29 मजदूरों के साथ सुबह आठ बजे भोजशाला परिसर में पहुंची और शाम पांच बजे बाहर आई। यहां टीम ने आधुनिक उपकरणों के जरिए वैज्ञानिक पद्धति से करीब नौ घंटे काम किया। इस दौरान सर्वे टीम के साथ हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा, आशीष गोयल और मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद खान भी मौजूद रहे।

भोजशाला में 23वें दिन के सर्वे में शनिवार को हवन कुंड का मापन कार्य किया गया। यहां के पत्थरों और उसकी बनावट के बारे में विशेषज्ञों ने विस्तृत जानकारी हासिल की, जबकि भोजशाला के भीतर क्षेत्र में खुदाई का काम शनिवार को भी जारी रहा। बाहरी क्षेत्र में भी 10 ट्रेंच में कार्य किया गया। भोजशाला के 50 मीटर के दायरे में फिर टीम पहुंची। इसमें कुछ मकान के निर्माण आदि को देखा गया है।

सर्वे को लेकर दोनों ही पक्ष अपने-अपने दावे भी कर रहे हैं। टीम को हर दिन नई जानकारियां मिल रही हैं। भोजशाला परिसर के पीछे तीन साइट पर और गर्भगृह के पास खुदाई का काम चल रहा है। भोजशाला में अभी तक सर्वे के दौरान सीढ़ियां, दीवार, शिलालेख, पत्थरों के भित्त चित्र और अकल कुई के पास सर्वे किया जा चुका है। शनिवार को सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक सर्वे जारी रहा। इसमें भोजशाला के पीछे, दाएं व बाई ओर लगातार खुदाई की गई। कुछ दिनों से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग की टीम के लीडर व विभाग के अतिरिक्त महानिदेशक प्रोफेसर डॉ. आलोक त्रिपाठी टीम के साथ नहीं थे। शनिवार को वे भी यहां पहुंचे।

दरअसल, भोजशाला के गर्भ गृह के बाहरी क्षेत्र में जो खुदाई की गई, उसमें धीरे-धीरे गहराई बढ़ रही है। यहां पर विभाग द्वारा छह स्थान तय किए गए थे। इनमें से एक स्थान पर अभी कार्य चल रहा है। भोजशाला के मध्य हवन कुंड नुमा आकृति है, जिसे हिंदू समाज हवन कुंड कहता है। सर्वे टीम ने मुख्य रूप से हवन कुंड का मापन कार्य किया है। इस आकृति के बारे में व्यापक जानकारी ली गई है। यहां जो बनावट है, इसको लेकर फोटो भी लिए गए हैं। इसके अलावा इसकी गहराई व कुंड के पाषाण की खास बनावट की जानकारी को सर्वे टीम ने अपने रिकार्ड में दर्ज किया है।

सर्वे टीम से मिली जानकारी के अनुसार, सोमवार तक कुछ नए विशेषज्ञ भोजशाला पहुंच सकते हैं। इसमें अलग-अलग विषयों के विशेषज्ञ आ रहे हैं। साथ ही उनके साथ में आधुनिक तकनीक वाली कुछ मशीनें भी आ रही हैं। सर्वे में जिन मशीनों की बहुत महत्वपूर्ण आवश्यकता है। उनके सोमवार या मंगलवार तक धार पहुंचने की उम्मीद की जताई जा रही है।

मुस्लिम पक्ष को कुछ मामलों पर आपत्ति

सर्वे टीम के साथ मौजूद रहे मुस्लिम पक्षकार अब्दुल समद ने भोजशाला परिसर से बाहर आने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि वे अब तक के सर्वे से संतुष्ट है, लेकिन कुछ मामलों में उन्होंने आपत्ति दर्ज कराई है। उनका कहना है कि हाईकोर्ट के निर्देश के मुताबिक, ऐसी जगह खुदाई नहीं की जानी चाहिए, जिससे किसी चीज को नुकसान पहुंचे, लेकिन दरगाह के पास खुदाई की जा रही है। बाबा की दरगाह के पास किसी का भी जाना मना है। समद का कहना है कि बाबा की दरगाह तलघर में है। पुरातत्व टीम को वहां विजिट कराई जा चुकी है। आने वाले दिनों में और भी विजिट करवाई जाएगी। वहां से जो शिलालेख निकले हैं, जो चीजें निकली है। वो मुस्लिम पक्ष की हैं। जो भाषा में लिखा हैं, उसके लिए साइंस की टीम यहां पर जुड़ने वाली है। वहीं हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा ने कहा कि सर्वे की असल जरूरत भोजशाला में नहीं, बल्कि दरगाह परिसर में है।

हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश/प्रभात

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