मप्रः भोजशाला की सर्वे रिपोर्ट पेश करने के लिए एएसआई को मिला 15 जुलाई तक का समय

मप्रः भोजशाला की सर्वे रिपोर्ट पेश करने के लिए एएसआई को मिला 15 जुलाई तक का समय
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मप्रः भोजशाला की सर्वे रिपोर्ट पेश करने के लिए एएसआई को मिला 15 जुलाई तक का समय


- अगली सुनवाई 22 जुलाई को

भोपाल, 04 जुलाई (हि.स.)। धार जिले में स्थित ऐतिहासिल भोजशाला के सर्वे की रिपोर्ट पेश करने के लिए मप्र उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को 15 जुलाई तक का समय दिया है। एएसआई की तरफ से अधिवक्ता हिमांशु जोशी ने सर्वे रिपोर्ट सौंपने के लिए कोर्ट से तीन से चार सप्ताह का समय मांगा था। गुरुवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि एएसआई 15 जुलाई या उससे पहले सर्वे रिपोर्ट अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करे। मामले में अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी।

मामले में गुरुवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI)द्वारा चार हफ्ते का समय मांगने के मामले में हाईकोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई की। याचिकाकर्ता आशीष गोयल ने बताया कि हाई कोर्ट ने एएसआई को 15 जुलाई तक रिपोर्ट पेश करने का कहा है। अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी।

दरअसल, 11 मार्च को मप्र हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ ने ज्ञानवापी की तर्ज पर भोजशाला का सर्वे कराने के आदेश दिए थे। कोर्ट ने एएसआई को पांच एक्सपर्ट की टीम बनाने के लिए कहा था। इस टीम को छह सप्ताह में रिपोर्ट कोर्ट को सौंपनी थी। कोर्ट ने 29 अप्रैल तक सर्वे पूरा करने के लिए कहा था। बाद में समय बढ़ाकर इसे दो जुलाई किया था। कोर्ट के आदेश पर एएसआई की टीम ने 22 मार्च को भोजशाला में सर्वे शुरू किया था और लगातार 98 दिन यहां टीम ने श्रमिकों की मदद से सर्वे का काम। इस दौरान भोजशाला से करीब 1700 पुरा-अवशेष प्राप्त हुए। गत 27 जून को सर्वे समाप्त होने के बाद एएसआई की टीम रिपोर्ट तैयार करने में जुटी है। दो जुलाई को रिपोर्ट पेश करना था, लेकिन दो जुलाई को हुई सुनवाई में एएसआई ने इंदौर हाईकोर्ट से चार सप्ताह का समय मांगा था।

गुरुवार को भोजशाला मामले में सुनवाई हुई। याचिकाकर्ता आशीष गोयल ने बताया कि हाई कोर्ट ने एएसआई को 15 जुलाई तक रिपोर्ट पेश करने का कहा है। यानी सर्वे रिपोर्ट तैयार करने के लिए 11 दिन का समय दिया गया है। अगली सुनवाई 22 जुलाई को होगी।

याचिका के बिंदु, जिनके आधार पर मांग स्वीकार की गई

हिन्दू पक्ष भोजशाला को सरस्वती मंदिर बताता है, जबकि मुस्लिम पक्ष इसे मस्जिद कहता है। हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने 1 मई 2022 को इंदौर हाईकोर्ट में यह याचिका दायर की थी। इसमें कहा गया था कि हर मंगलवार को हिंदू भोजशाला में यज्ञ कर उसे पवित्र करते हैं और शुक्रवार को मुसलमान नमाज के नाम पर यज्ञ कुंड को अपवित्र कर देते हैं। इसे रोका जाए। भोजशाला का पूर्ण आधिपत्य हिंदुओं को सौंपा जाए। इसके लिए आवश्यक हो तो संपूर्ण भोजशाला की फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी और खुदाई करवाई जाए। हाईकोर्ट ने इन बिंदुओं के आधार पर सर्वे की मांग को स्वीकार किया।

हिन्दुस्थान समाचार/मुकेश/आकाश

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