जेटली राजनेता के बजाय एक लोक सेवक थे : उपराष्ट्रपति

जेटली राजनेता के बजाय एक लोक सेवक थे : उपराष्ट्रपति
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जेटली राजनेता के बजाय एक लोक सेवक थे : उपराष्ट्रपति


नई दिल्ली, 09 मार्च (हि.स.)। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के विभिन्न क्षेत्रों के योगदानों की सराहना की और उन्हें एक राजनेता के बजाय एक लोक सेवक बताया। पार्टी लाइनों से परे जेटली की अद्वितीय स्वीकार्यता पर प्रकाश डालते हुए धनखड़ ने कहा कि उनकी पार्टी के साथ-साथ विपक्ष के लोग भी उनकी प्रशंसा करते थे।

दिल्ली विश्वविद्यालय के श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के बहुउद्देशीय स्टेडियम का नाम अरुण जेटली के नाम पर रखने के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा, “मैं अरुण जेटली को बहुत अलग तरीके से परिभाषित करता हूं। वह राजनीति में नहीं थे; वह सार्वजनिक जीवन में थे। जेटली के योगदानों को याद करते हुए उपराष्ट्रपति ने राजनीति को खेल से दूर रखने की उनकी क्षमता की प्रशंसा की। खेल में उनके गहन योगदान पर प्रकाश डालते हुए धनखड़ ने कहा कि लंबे समय तक क्रिकेट से जुड़े रहने के बाद भी, जेटली ने राजनीति को इससे दूर रखा।

धनखड़ ने एक वकील और सांसद के रूप में जेटली के साथ अपने लंबे जुड़ाव को मार्मिक ढंग से याद किया और कहा कि हम उन्हें हर दिन याद करते हैं। जेटली को एसआरसीसी के सबसे प्रतिष्ठित पूर्व छात्रों के रूप में संदर्भित करते हुए उपराष्ट्रपति ने सभी पूर्व छात्रों से एक साथ आने और अपने अल्मा मेटर के लिए समय और संसाधनों का योगदान करने का आग्रह किया।

देश में पारदर्शी और जवाबदेह शासन की दिशा में परिवर्तनकारी बदलाव की सराहना करते हुए धनखड़ ने कहा कि भारत उत्साहित है और आने वाले कुछ वर्षों में हम दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था होंगे।

हिन्दुस्थान समाचार/ सुशील/पवन

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