देशभर में यादगार तरीके से मनाया गया 8वां सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस
- पूरे भारत में रैलियां की गईं, कई स्थानों पर पुष्पांजलि समारोह हुए
- विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर ‘वी फॉर वेटरन्स’ गान का वादन हुआ
नई दिल्ली, 14 जनवरी (हि.स.)। देशभर में रविवार को 8वां सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस यादगार तरीके से मनाया गया। देशभर में कई स्थानों पर पुष्पांजलि समारोह हुए। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कानपुर एयर फ़ोर्स स्टेशन में एक समारोह का नेतृत्व किया, जिसमें लगभग 1,000 पूर्व सैनिकों ने भाग लिया। पूर्व सैनिकों के नि:स्वार्थ कर्तव्य एवं बलिदान को सम्मान देने और इनके परिजनों के प्रति एकजुटता को सुदृढ़ बनाने के लिए पूरे भारत में रैलियां की गईं।
भारतीय सशस्त्र बल के पहले कमांडर-इन-चीफ फील्ड मार्शल केएम करियप्पा 1953 में 14 जनवरी को सेवानिवृत्त हुए थे। इसीलिए हर साल इसी दिन सशस्त्र बल पूर्व सैनिक दिवस मनाया जाता है, जो पहली बार 2016 में मनाया गया था। पूर्व सैनिकों के सम्मान में इस साल 8वां पूर्व सैनिक दिवस मनाया गया है। इस दिवस को यादगार बनाने के लिए श्रीनगर, पठानकोट, दिल्ली, कानपुर, अलवर, जोधपुर, गुवाहाटी, मुंबई, सिकंदराबाद, कोच्चि और कई अन्य स्थानों पर पुष्पांजलि समारोह और पूर्व सैनिक रैलियां आयोजित की गईं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कानपुर के वायु सेना स्टेशन में एक पूर्व सैनिक रैली में हिस्सा लिया और सीडीएस जनरल अनिल चौहान के साथ युद्ध स्मारक पर पुष्पांजलि भी अर्पित की।
नई दिल्ली में वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार, एकीकृत रक्षा स्टाफ के प्रमुख, चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी (सीआईएससी) के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल जेपी मैथ्यू, उप सेना प्रमुख (रणनीति) और संयुक्त सचिव, पूर्व सैनिक कल्याण (ईएसडब्ल्यू) सशस्त्र बलों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भाग लिया। वायु सेना प्रमुख ने उन पूर्व सैनिकों के योगदान को स्वीकार किया, जिनकी मजबूत भावना, नेतृत्व और दूरदर्शिता ने आज की भारतीय वायु सेना की नींव रखी। उन्होंने जानकारी दी कि लगभग 1.85 लाख आईएएफ पेंशनभोगियों को सिस्टम फॉर पेंशन एडमिनिस्ट्रेशन-रक्षा (स्पर्श) प्लेटफॉर्म पर स्थानांतरित कर दिया गया है।
नौसेना प्रमुख ने कहा कि पूर्व सैनिकों के सामने आने वाली समस्याओं का निराकरण करने के लिए नौसेना सक्रिय आउटरीच, सकारात्मक बातचीत और लगातार संचार के माध्यम से बहुआयामी दृष्टिकोण के साथ कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि पिछले साल नौसेना ने लेह, लद्दाख और उत्तर पूर्वी राज्यों सहित विभिन्न स्थानों पर 58 ऐसे आउटरीच कार्यक्रम आयोजित किए थे। उन्होंने कहा कि हमें आपके अनुभव और ज्ञान का निरंतर लाभ प्राप्ति का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। हमें सेवारत और पूर्व सैनिक समुदाय के सामने आने वाले विषयों को और अधिक अच्छे ढंग से समझने और मदद करने के लिए अमूल्य मार्गदर्शन, निरंतर समर्थन और स्पष्ट सुझावों का इंतजार है।
पूर्व सैनिक समुदाय के सम्मान में विभिन्न सार्वजनिक स्थानों पर ‘वी फॉर वेटरन्स’ गान का वादन किया गया। इस समारोह में प्रथम पत्रिका 'सागर संवाद' का विमोचन भी हुआ, जो भारतीय नौसेना के पूर्व-सैनिक मामलों के निदेशालय की ओर से प्रकाशित एक वार्षिक पत्रिका है। इसमें पूर्व सैनिकों के लिए जानकारी, नीतियों और रुचि के विभिन्न विषयों को शामिल किया गया है। इस मौके पर भारतीय वायुसेना और भारतीय सेना ने क्रमशः ‘वायु संवेदना’ और ‘सम्मान’ पत्रिकाएं भी जारी की।
हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत/पवन
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