किसानों की मांगों पर जल्दबाजी में कोई फैसला लेना ठीक नहीं : मुंडा
मुंडा ने मीडियाकर्मियों से कहा कि केंद्र सरकार किसानों के हितों को लेकर गंभीर है। ऐसे में किसान संगठनों को यह समझना चाहिए कि जिस कानून की बात की जा रही है उस कानून के बारे में इस तरीके से कोई निर्णय नहीं लिया जा सकता है। इस संबंध में सोच-विचार की जरूरत है। मुंडा ने कहा कि प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों को यह भी सोचना चाहिए कि उनके नाते आम लोगों को कोई समस्या न होने पाए।
उल्लेखनीय है कि किसान संगठनों की प्रमुख मांगों में सभी फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी की मांग सबसे अहम है। इसे किसान हर हाल में चाहते हैं लेकिन सरकार इस मुद्दे पर कोई फैसला जल्दबाजी में नहीं लेना चाहती है। वह सभी पहलुओं पर गंभीरता विचार करके ही फैसला लेना चाहती है।
हिन्दुस्थान समाचार/आशुतोष/पवन
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