(राउंडअप) सिलक्यारा निर्माणाधीन सुरंग हादसा : टलन में रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी
-मुख्यमंत्री धामी बोले-हैदराबाद से मंगवाया है प्लाज्मा कटिंग कटर, मजदूरों के बाहर आने में अभी लग सकता है वक्त
- टनल के ऊपरी हिस्से में जल रिसाव ने बढ़ा दी हैं चिंताएं, मजदूरों से हुई बात, सभी मजदूर ठीक हैं
उत्तरकाशी, 25 नवम्बर (हि.स.)। उत्तराखंड के उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में पहाड़ के आगे भले ही अमेरिका की ऑगर ड्रिलिंग मशीन ने घुटने टेक दिए हैं, लेकिन रेस्क्यू टीम के हौसले बुलंद हैं। शनिवार को रेस्क्यू टीम ने 6 इंच के पाइप से बीएसएनएल की नई लाइन डाल दी है, जिससे जल्द ही कम्युनिकेशन का एक और नया माध्यम शुरू हो जाएगा। इतना ही नहीं रेस्क्यू टीम लगातार सिलक्यारा टलन में आयी बाधा को हटाने के कार्य करने में जुटे हुए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को पुनः सिलक्यारा में निर्माणाधीन सुरंग में फंसे श्रमिकों को निकालने के किए जा रहे रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लिया। इसके बाद उन्होंने रेस्क्यू आपरेशन में जुटे आला अधिकारियों और हाई पावर कमेटी के साथ बैठक की। मुख्यमंत्री ने बताया कि ऑगर मशीन के खराब होने के बाद हैदराबाद से प्लाज्मा कटिंग कटर मंगवाया गया है। ऑगर मशीन के टूटे हिस्से कल यानी रविवार तक निकल पाएंगे। वर्टिकल ड्रिलिंग का काम भी किया जा रहा है। मैनुअली भी कार्य किया जायेगा।
मुख्यमंत्री धामी ने रविवार को अस्थाई मीडिया सेन्टर सिल्क्यारा में रेस्क्यू आपरेशन के बारे में अवगत कराया। उन्होंने बताया कि उत्तरकाशी के सिलक्यारा निर्माणाधीन सुरंग में हुए हादसे के कारण सुरंग में फंसे हुए 41 श्रमिकों को बाहर निकालने की उम्मीदें बनी हुई हैं, लेकिन इस बीच बाधाएं लगातार अवरोध डाल रही हैं। अब ऑगर मशीन की ब्लेड क्षतिग्रस्त हुई है तो टनल के ऊपरी हिस्से में जल रिसाव ने चिंताएं बढ़ा दी हैं। उन्होंने बताया कि सभी मजदूर ठीक हैं। मजदूरों से बात हुई है, वो ठीक हैं। उन्होंने बताया कि मजदूरों को भोजन पानी मिल रहा है। उन्होंने कहा कि सारा ध्यान मजदूरों को निकालने पर है।
अंतरराष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स बोले, ऑगर मशीन भूल जाइए?
सिलक्यारा सुरंग बचाव अभियान पर अंतरराष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ, अर्नोल्ड डिक्स ने बताया कि देश में एक अमेरिकन ऑगर मशीन थी और यह ऑगर (मशीन) टूट गयी है। यह अपूर्णीय क्षति है, लेकिन श्रमिकों को बाहर निकालने के कई विकल्प हैं। यही सिर्फ एक रास्ता नहीं है...। फिलहाल, सब कुछ ठीक है...। यानी इस ऑगर मशीन से और कोई काम नहीं होगा। देश में और कोई नयी ऑगर मशीन भी नहीं है।
रेस्क्यू आपरेशन में नए घटनाक्रम के अनुसार शुक्रवार को ऑगर मशीन के ब्लेड टूट गए थे और अब ब्लेड बाहर निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं। पहली कोशिश है कि ऑगर मशीन को फिर से तैयार कर शेष सुरंग में पाइप डाला जाए, लेकिन कई बार की कोशिशों के बाद भी रेस्क्यू आपरेशन में जुटी टीम को इसमें सफलता नहीं मिली है। एक बार फिर मशीन को तैयार करने की कोशिश की जा रही है। फिलहाल ड्रिलिंग कल से ठप है और अब वर्टिकल ड्रिलिंग 88 मीटर नीचे तक करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। मशीन को शीर्ष पर ले जाने की तैयारी चल रही है। वर्टिकल खुदाई में भी सब कुछ ठीक रहा तो चार से पांच दिन का समय लग सकता है।
सीएम धामी बोले, प्रधानमंत्री प्रतिदिन श्रमिकों का कुशलक्षेम और राहत कार्यों की ले रहे जानकारी-
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया के अपने एक्स ट्विटर हैंडल पर लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उत्तरकाशी की सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिकों को लेकर बेहद संवेदनशील हैं। प्रधानमंत्री मोदी प्रतिदिन श्रमिकों का कुशलक्षेम और सुरंग में जारी राहत एवं बचाव कार्यों की विस्तृत जानकारी ले रहे हैं। केंद्रीय एजेंसियां, प्रदेश प्रशासन एवं अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की टीमें सारे विकल्पों पर कार्य कर रही हैं, हम शीघ्र ही श्रमिक भाइयों को सकुशल बाहर निकालने में सफल होंगे।
उत्तराखंड के उत्तरकाशी के सिलक्यारा निर्माणाधीन सुरंग के रेस्क्यू को लेकर केंद्र और राज्य की विभिन्न एजेंसियां दिनरात काम कर रही हैं, लेकिन ये एजेंसियां 14 दिन बाद भी श्रमिकों को बाहर निकालने में सफलता नहीं पायी हैं। इसका कारण कभी ऑगर मशीन में ड्रिलिंग के दौरान टेक्निकल फाल्ट आना तो कभी मशीन के रास्ते में सुरंग के सरिया, रॉड और मलबा आने के कारण खराबी पैदा होना है। इसके कारण पिछले तीन दिन से श्रमिकों के बाहर निकालने में आज और कल हो रहा है। अब यही सवाल है कि आखिर कब तक सभी श्रमिक सुरंग से सकुशल बाहर आ सकें?
रविवार को सिलक्यारा पहुंचेंगे उड़ीसा के श्रम और रोजगार मंत्री-
कल रविवार को सिलक्यारा में चल रहे टनल रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लेने व टनल में फंसे उड़ीसा के श्रमिकों का हाल जानने के लिए उड़ीसा के श्रम व रोजगार मंत्री शारदा प्रसाद नायक सिलक्यारा पहुंचेंगे। उनके कार्यक्रम को उड़ीसा के लेबर मिनिस्ट्री कार्यालय से जारी किया गया है। उत्तरकाशी की सिलक्यारा निर्माणाधीन सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों में उड़ीसा राज्य के 5 श्रमिक भी शामिल हैं।
हिन्दुस्थान समाचार/चिरंजीव सेमवाल/रामानुज
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