राष्ट्रीय फिल्म विरासत मिशन के तहत कई भाषाओं की 5,000 से अधिक फिल्मों को डिजीटल प्रारूप में किए जाएंगे संरक्षित
नई दिल्ली, 28 नवंबर (हि.स.)। राष्ट्रीय फिल्म विरासत मिशन के तहत कई भाषाओं की 5,000 से अधिक फिल्मों को चार हजार से अधिक डिजिटल प्रारूप में संरक्षित किया जाएगा। मंगलवार को 54वें भारत अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के समापन समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि फिल्म महोत्सव उल्लेखनीय और अभूतपूर्व उपलब्धियों से भरा रहा है जिसमें सर्वश्रेष्ठ फिल्म निर्माण का प्रदर्शन किया गया। इसके साथ उन्होंने फिल्म महोत्सव में सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्राप्त करने के लिए प्रसिद्ध फिल्म व्यक्तित्व माइकल डगलस को बधाई दी।
समापन समारोह में अपने वीडियो संदेश में अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि भारत के अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव का 54वां संस्करण विविधता में एकता का उत्सव था, जो 'वसुधैव कुटुंबकम: एक पृथ्वी, एक' की भावना का प्रतीक है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि 54वें आईएफएफआई में 78 देशों की 68 अंतरराष्ट्रीय और 17 भारतीय भाषाओं का प्रतिनिधित्व करने वाली लगभग 250 फिल्मों का प्रदर्शन किया गया। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि फिल्मों को विशेष रूप से विकलांग फिल्म-प्रेमियों के लिए तैयार किया गया था ताकि वे सांकेतिक भाषा और ऑडियो विवरण की मदद से बड़ी स्क्रीन पर सिनेमा की सुंदरता का आनंद ले सकें। उन्होंने कहा कि हमने महिलाओं की प्रतिभा का जश्न मनाते हुए उनके द्वारा निर्देशित 40 से अधिक फिल्में शामिल करना सुनिश्चित किया।
केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने भारतीय अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव 2023 में सत्यजीत रे लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्रदान किये जाने के लिए माइकल डगलस को बधाई दी। इस महोत्सव में शामिल हुई कैथरीन जेटा जोन्स को धन्यवाद दिया। केंद्रीय मंत्री ने गोल्डन पीकॉक अवार्ड्स के विजेताओं तथा भारतीय अंतराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में सर्वश्रेष्ठ वेब सीरीज (ओटीटी) के लिए पहली बार वितरित किये गए पुरस्कार के विजेताओं को भी बधाई दी।
समापन समारोह के दौरान सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने इस फिल्म महोत्सव को सफल बनाने के लिए किये गए संयुक्त प्रयासों के लिए राष्ट्रीय फिल्म विकास निगम (एनएफडीसी) की टीम और मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत के नेतृत्व वाली गोवा सरकार के प्रति विशेष आभार प्रकट किया। उन्होंने कार्यक्रम के अंत में सभी फिल्म निर्माताओं, अभिनेताओं एवं रचनाकारों को शुभकामनाएं दीं और उनसे कथानक को व्यक्त करने की विधा, एकता की भावना व अपना रचनात्मकता को भारतीय अंतराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव से भी आगे ले जाने का आग्रह किया।
हिन्दुस्थान समाचार/ विजयलक्ष्मी/प्रभात
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