(वार्षिकी) प्रोजेक्ट क्लीन डेस्टिनेशन और रिस्पॉन्सिबल सोविनियर: स्वच्छता और आजीविका का समावेशी मॉडल

WhatsApp Channel Join Now
(वार्षिकी) प्रोजेक्ट क्लीन डेस्टिनेशन और रिस्पॉन्सिबल सोविनियर: स्वच्छता और आजीविका का समावेशी मॉडल


भोपाल, 31 दिसंबर (हि.स.)। साल 2025 में मध्य प्रदेश पर्यटन ने यह स्पष्ट कर दिया कि पर्यटन विकास का अर्थ केवल बुनियादी ढांचे या पर्यटक संख्या बढ़ाना नहीं है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता और स्थानीय समुदाय की भागीदारी भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। इसी सोच के साथ लागू की गईं प्रोजेक्ट क्लीन डेस्टिनेशन और रिस्पॉन्सिबल सोविनियर जैसी पहलें, जिसने राज्य को जिम्मेदार और सतत पर्यटन के राष्ट्रीय मॉडल के रूप में स्थापित किया।

प्रोजेक्ट क्लीन डेस्टिनेशन

कोकाकोला कंपनी के साथ सीएसआर साझेदारी के तहत संचालित प्रोजेक्ट क्लीन डेस्टिनेशन वर्ष 2025 में पन्ना और बांधवगढ़ जैसे प्रमुख पर्यटन क्षेत्रों में प्रभावी रूप से लागू किया गया। इस परियोजना का उद्देश्य पर्यटन स्थलों के आसपास स्वच्छता सुनिश्चित करना और स्थानीय समुदाय को ठोस अपशिष्ट प्रबंधन से जोड़ना रहा। पन्ना जिले के 30 और बांधवगढ़ क्षेत्र के 23 ग्रामों में घर-घर कचरा संग्रह की व्यवस्था शुरू की गई, जिससे लगभग 10,000 परिवार सीधे तौर पर इस अभियान से जुड़े। अब तक 40 टन सूखे कचरे का वैज्ञानिक प्रबंधन किया जा चुका है, जिससे न केवल पर्यावरणीय दबाव कम हुआ, बल्कि स्वच्छ पर्यटन की मजबूत नींव भी पड़ी।

ग्रीन जॉब और अधोसंरचना का विस्तार

इस परियोजना ने स्वच्छता को आजीविका से जोड़ते हुए 30 स्थानीय लोगों को ग्रीन जॉब से जोड़ा। पन्ना में मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (एमआरएफ) सेंटर की स्थापना हो चुकी है, जबकि बांधवगढ़ में एमआरएफ सेंटर की प्रक्रिया प्रगति पर है। ये केंद्र कचरे के पुनर्चक्रण और संसाधनों के पुनः उपयोग को बढ़ावा देकर पर्यावरण संरक्षण में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

रिस्पॉन्सिबल सोविनियर

पर्यटन से जुड़े स्थानीय रोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 2025 में “रिस्पॉन्सिबल सोविनियर” परियोजना को भी नई गति मिली। पन्ना के मड़ला और छतरपुर के धमना में संचालित सोविनियर केंद्रों के माध्यम से 192 महिला शिल्पियों को प्रशिक्षित कर स्थानीय हस्तकला आधारित उत्पाद निर्माण से जोड़ा गया। परियोजना के विस्तार के तहत धार, बैतूल, छिंदवाड़ा, डिंडोरी, मंडला, सीधी, सिंगरौली, बालाघाट, सिवनी और नर्मदापुरम में 10 नए सोविनियर केंद्र स्थापित किए जाने की प्रक्रिया शुरू की गई है। प्रस्ताव है कि लगभग 1000 शिल्पियों को प्रशिक्षण देकर उन्हें पर्यटन आधारित रोजगार से जोड़ा जाएगा।

साल 2025 को देखें तो प्रोजेक्ट क्लीन डेस्टिनेशन और रिस्पॉन्सिबल सोविनियर पहल मध्य प्रदेश पर्यटन को स्वच्छ, सतत और समावेशी बनाने की दिशा में निर्णायक साबित हुई हैं। स्वच्छता, पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय आजीविका को एक साथ साधते हुए राज्य ने ऐसा पर्यटन मॉडल प्रस्तुत किया है, जो आने वाले वर्षों में देश के लिए प्रेरणास्रोत बन सकता है।

---------------

हिन्दुस्थान समाचार / उम्मेद सिंह रावत

Share this story