आईएसआई के समर्थन से अमृतपाल बना रहा था आनंदपुर खालसा फोर्स

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- अमृतपाल व उसके सात साथियों के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत नया मामला दर्ज

चंडीगढ़, 19 मार्च (हि.स.)। पंजाब पुलिस ने 'वारिस पंजाब दे' का प्रमुख और खालिस्तानी नेता अमृतपाल सिंह का पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से सम्बन्ध होने का दावा किया है। उसके घर और साथियों से बरामद हथियारों पर भी एकेएफ लिखा मिला है, जिससे इस बात के पुख्ता सबूत हाथ लगे हैं कि अमृतपाल सिंह आनंदपुर खालसा फोर्स नाम से प्राइवेट आर्मी बना रहा था। इसके लिए उसने कई युवाओं को गुमराह करके अपने साथ भी जोड़ लिया था।

जालंधर रेंज के डीआईजी स्वप्न शर्मा ने रविवार को पत्रकारों को बताया कि अमृतपाल आईएसआई के संपर्क में था। पुलिस को अब तक जांच में ऐसे कई सबूत मिले हैं, जिससे यह साफ होता है कि अमृतपाल ने पंजाब में युवाओं को गुमराह करके अपने साथ जोड़ना शुरू कर दिया था। उसके घर और साथियों से बरामद हथियारों पर एकेएफ लिखा मिला है। इस कोड वर्ड के आधार पर जब पकड़े गए आरोपितों से पूछताछ की गई, तो पता चला कि अमृतपाल ने अपनी फौज को आनंदपुर खालसा फोर्स का नाम दिया था।

अमृतसर रूरल के एसएसपी सतिंदर सिंह ने कहा कि अमृतपाल के एक करीबी से 100 से ज्यादा अवैध कारतूस मिले हैं। उसने पूछताछ में कबूला है कि अमृतपाल ने उसे ये कारतूस दिलाए थे। इसी आधार पर रविवार को पुलिस ने अमृतपाल व उसके सात साथियों के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत नया मामला दर्ज कर लिया है।

जालंधर के मैहतपुर से पकड़े गए अमृतपाल के 7 साथियों में गुरलाल सिंह, सवरीत सिंह, अमनदीप सिंह, हरमिंदर सिंह, बलजिंदर सिंह, गुरवीर सिंह और अजयपाल सिंह हैं। पुलिस को इनके पास 12 बोर की 6 राइफल और 193 कारतूस मिले थे। ये सभी अवैध हथियार हैं। इनका कोई लाइसेंस नहीं है। एसपी अमृतसर ग्रामीण जुगराज सिंह ने कहा कि अजनाला प्राथमिकी में गिरफ्तार सात लोगों को 23 मार्च तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।

पुलिस ने राज्यव्यापी ऑपरेशन के बीच अमृतपाल को भगोड़ा घोषित कर दिया है और उसकी तलाश में पुलिस की टीमें लगातार छापेमार कार्रवाई कर रही हैं। इस बीच अमृतपाल के मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने की संभावना है। सूत्रों ने बताया कि अमृतपाल पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत केस दर्ज किया जा सकता है। अमृतपाल के पैतृक गांव जल्लुपुर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। विरोध और हिंसा से बचने के लिए कई जिलों में धारा 144 लागू कर दी गई है। पंजाब के कई हिस्सों में 20 मार्च को दोपहर 12 बजे तक इंटरनेट सेवाएं भी सस्पेंड कर दी गई हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/संजीव

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