सहकारिता मंत्रालय देश में लॉन्च करेगा भारत टैक्सी : अमित शाह
- केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कृभको के सहकारी सम्मेलन में कहा- चालकों को मिलेगा सहकारिता टैक्सी का मुनाफा, बनाएंगे देश की नंबर सर्विस
चंडीगढ़, 24 दिसंबर (हि.स.)। केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश में कई कंपनियां टैक्सी परिचालन का काम करती हैं, लेकिन उनमें मुनाफा ड्राइवर के पास नहीं, बल्कि मालिक के पास जाता है। सहकारिता मंत्रालय के तहत बहुत जल्द ‘भारत टैक्सी’ लॉन्च करेंगे, जिसका एक-एक आना मुनाफा हमारे ड्राइवर भाइयों के पास जाएगा। इससे हमारे ड्राइवर भाइयों के लिए रोजगार की कई नई संभावनाएं खुलेंगी।
बुधवार को पंचकूला में कृषक भारती कोऑपरेटिव लिमिटेड (कृभको) द्वारा ‘सतत कृषि में सहकारिता की भूमिका’ विषय पर आयोजित सहकारी सम्मेलन को संबोधित करते हुए सहकारिता मंत्री ने कहा कि भारत टैक्सी में चालकों को बीमा की व्यवस्था मिलेगी, उनकी टैक्सी पर एडवर्टाइजमेंट की व्यवस्था होगी और सारा मुनाफा उनके पास ही जाएगा। इससे ग्राहक की सुविधा भी बढ़ेगी और टैक्सी ड्राइवर भी समृद्ध होगा। उन्होंने कहा कि 'भारत' सहकारिता टैक्सी जल्द ही लांच होने वाली है। शाह ने विश्वास जताया कि देखते-देखते यह भारत की नंबर 1 टैक्सी परिचालन कंपनी बन जाएगी। उन्होंने कहा कि भारत में सहकारिता आंदोलन लगभग 125 साल पुराना है, लेकिन मोदी जी ने जो इनिशिएटिव लिया है, उससे यह आंदोलन नई बुलंदियों पर पहुंचेगा।
अमित शाह ने कहा अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के अवसर पर कृभको द्वारा आयोजित इस सेमिनार में मिल्क चिलिंग सेंटर, हैफेड का आटा मिल, रू-पे प्लेटिनम कार्ड, मॉडल पैक्स का पंजीकरण और सहकारिता वर्ष का पोर्टल, जो पूरे देश की सहकारिता से जुड़ी सूचनाएं सहकारिता से जुड़े सभी किसानों तक पहुंचाएगा, का लोकार्पण किया गया।
केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि 2014 में जब मोदी प्रधानमंत्री बने, तब देश का कृषि बजट 22 हजार करोड़ रुपए था, जिसे हमारी सरकार ने बढ़ाकर 1 लाख 27 हजार करोड़ रुपए करने का काम किया है। ग्रामीण विकास का बजट 80 हजार करोड़ रुपए था, जो अब बढक़र 1 लाख 87 हजार करोड़ रुपए किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि आज कोई सरपंच ऐसा नहीं है, और हरियाणा में तो बिल्कुल भी नहीं, जिसे पिछले 10 साल में 10 करोड़, 20 करोड़ या 25 करोड़ रुपए गांव के विकास के लिए न मिले हों।
अमित शाह ने कहा कि हरियाणा ने हमेशा देश की खाद्य सुरक्षा, दूध उत्पादन और खेलों के मैदान में देश के लिए पदकों की झड़ी लगाने का काम किया है। मोर्चा या मैदान कोई भी हो, हरियाणा के किसानों, जवानों और खिलाडिय़ों ने हर मोर्चे पर हमारे तिरंगे की शान बढ़ाई है। उन्होंने कहा कि आज भी हम उस कालखंड को भूल नहीं सकते, जब हमारी आबादी बहुत कम होने के बावजूद खाने के लिए हमें अमेरिका से लाल गेहूं मंगाने पड़ते थे। उन्होंने कहा कि यह हरियाणा और पंजाब की ही भूमि है जिसने देश को अनाज के मामले में आत्मनिर्भर बनाकर दुनिया में सम्मान दिलाया है। शाह ने कहा कि छोटा सा प्रदेश होने के बावजूद केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों और तीनों सेनाओं में आबादी के अनुपात में सबसे अधिक जवान हरियाणा के हैं और उनकी बहादुरी के कारण ही भारत की सेनाएं और सशस्त्र बल बहुत सारे आक्रमण विफल कर सके हैं। उन्होंने कहा कि धाकड़ हरियाणा के धाकड़ खिलाड़ी हर खेल में देश को मेडल तालिका में शीर्ष पर ले जाने का काम करते हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / संजीव शर्मा

