अमित शाह ने युवाओं से की तुष्टिकरण को जड़ से उखाड़ फेंकने की अपील
नई दिल्ली, 09 अप्रैल (हि.स.)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को देश के युवाओं से तुष्टिकरण के खिलाफ आवाज बुलंद करने का आह्वान करते हुए कहा कि तुष्टिकरण ऐसा जहरीला नासूर है जिसे देश से हमेशा के लिए उखाड़कर फेंक देना चाहिए।
अमित शाह ने एक टीवी चैनल के राइजिंग भारत शिखर सम्मेलन में युवाओं से तुष्टिकरण के खिलाफ आवाज बुलंद करने का आह्वान करते हुए कहा कि देश के युवाओं से कहना चाहता हूं कि बाकी कुछ भी सहन करना, मगर तुष्टिकरण नहीं। क्योंकि यह ऐसा जहरीला नासूर है जिसे देश से हमेशा के लिए उखाड़कर फेंक देना चाहिए।
उन्होंने वक्फ संशोधन कानून को लेकर कहा कि पसमांदा मुस्लिम समाज जो गरीब है, ओबीसी है, उनको वक्फ में प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए या नहीं मिलना चाहिए। शिया, आगाखानी, दाऊदी बोहरा, महमदिया और अहमदिया इन सारे मुसलमानों का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। वो भी मुसलमान हैं, क्यों नहीं मिलना चाहिए। ये जो अभी वक्फ का बिल आया है वो मुस्लिम समाज के हरेक अंग का प्रतिनिधित्व करने वाला बिल है।
शाह ने कहा कि राहुल गांधी और उनकी पार्टी ने झूठा दावा किया कि नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के लागू होने से लोगों की नागरिकता चली जाएगी। हालांकि, सीएए लागू होने के दो साल बाद भी एक भी मुसलमान की नागरिकता नहीं गई है। कांग्रेस पार्टी ने इंडी गठबंधन के साथ मिलकर इन बेबुनियाद आरोपों से देश को गुमराह किया और इसके बाद हुई अशांति और हिंसा के लिए वे ही जिम्मेदार हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को कांग्रेस के लोगों ने जितनी बार गालियां दी हैं, मोदी और मजबूत होकर बाहर आए हैं। उनको मालूम नहीं है हमारा चुनाव चिन्ह कमल है, जो कीचड़ में ही खिलता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / सुशील कुमार