ममता बनर्जी का अलग चुनाव लड़ने का फैसला हताशा का संकेत: अमित मालवीय

ममता बनर्जी का अलग चुनाव लड़ने का फैसला हताशा का संकेत: अमित मालवीय
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ममता बनर्जी का अलग चुनाव लड़ने का फैसला हताशा का संकेत: अमित मालवीय


कोलकाता, 24 जनवरी (हि.स.)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को विपक्षी गठबंधन से अलग होकर चुनाव लड़ने की घोषणा की है। इस पर अमित मालवीय ने गठबंधन पर हमला बोला है। पार्टी के आईटी सेल के प्रमुख और उत्तर बंगाल के प्रभारी अमित मालवीय ने कहा है कि यह हताशा का संकेत है।

बुधवार को मालवीय ने माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स पर लिखा कि पश्चिम बंगाल में अकेले लड़ने का ममता बनर्जी का फैसला हताशा का संकेत है। अपनी राजनीतिक जमीन बरकरार रखने में असमर्थ, वह सभी सीटों पर लड़ना चाहती हैं, इस उम्मीद में कि चुनाव के बाद भी वह प्रासंगिक बनी रह सकती हैं।

मालवीय ने कहा है कि विपक्षी गठबंधन के चेहरे के रूप में उभरने की उनकी इच्छा के विपरीत, किसी ने भी उनके नाम का प्रस्ताव नहीं रखा। राष्ट्रीय प्रोफाइल बनाने के लिए उनकी दिल्ली की कई यात्राएं काम नहीं आईं। वह चुनाव के बाद की हिंसा के खून को छिपा नहीं सकीं और तुष्टिकरण की राजनीति की दुर्गंध से खुद को मुक्त नहीं कर सकीं। ममता ने अपना चेहरा बचाने के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे की वकालत की और खुद को इस प्रक्रिया से बाहर कर दिया। उन्हें एहसास हुआ कि उनकी चाहत के बावजूद, विपक्षी खेमे में उनके लिए कोई जगह नहीं थी और वे लंबे समय से बाहर निकलने के लिए जमीन तैयार कर रही थीं।

अमित मालवीय ने राहुल गांधी पर भी हमला बोला- तथ्य यह है कि राहुल गांधी के बंगाल में सर्कस आने से ठीक पहले उनकी अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा आईएनडीआई गठबंधन के लिए मौत की घंटी है।

हिन्दुस्थान समाचार /ओम प्रकाश /गंगा/संजीव

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