अमेरिका चाबहार बंदरगाह के महत्व को समझता है : विदेश मंत्रालय

अमेरिका चाबहार बंदरगाह के महत्व को समझता है : विदेश मंत्रालय
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अमेरिका चाबहार बंदरगाह के महत्व को समझता है : विदेश मंत्रालय


नई दिल्ली, 17 मई (हि.स.)। भारत ने कहा है कि संयुक्त राज्य अमेरिका चाबहार बंदरगाह के महत्व को समझता है और जहां तक इस क्षेत्र का सवाल है, विशेष रूप से इस क्षेत्र में भूमि से घिरे देशों के लिए इसकी महत्वपूर्ण भूमिका है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने शुक्रवार को साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि 13 मई को हमने चाबहार बंदरगाह के संचालन के लिए दीर्घकालिक समझौते पर हस्ताक्षर किए। हमारे मंत्री वहां थे। यह एक बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि हम चाबहार को साकार करने की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता के रूप में देखते हैं।

हम चाबहार को अफगानिस्तान और भूमि से घिरे मध्य एशियाई देशों के लिए एक कनेक्टिविटी केंद्र के रूप में इस्तेमाल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह बंदरगाह 2018 से इंडियन पोर्ट्स ग्लोबल लिमिटेड द्वारा संचालित किया जा रहा है। इस बंदरगाह के माध्यम से हम अफगानिस्तान को बहुत सारी मानवीय सहायता प्रदान करने में सक्षम हुए हैं।

इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका भी चाबहार बंदरगाह के महत्व को समझता है। जहां तक इस क्षेत्र और इसकी कनेक्टिविटी का सवाल है, विशेष रूप से इस क्षेत्र में भूमि से घिरे देशों के लिए इसकी एक महत्वपूर्ण भूमिका है।

उल्लेखनीय है कि भारत और ईरान के बीच 13 मई को चाबहार बंदरगाह के संचालन से जुड़ा एक समझौता हुआ। इसके तहत भारत 10 वर्षों के लिए ईरान के रणनीतिक चाबहार बंदरगाह का विकास और संचालन करेगा। इस अनुबंध से अफगानिस्तान, मध्य एशिया और यूरेशिया के साथ क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और संबंधों को बढ़ावा मिलेगा। अमेरिका ने इस समझौते के बाद ईरान के साथ व्यापारिक सौदे करने वाली किसी भी इकाई पर संभावित प्रतिबंधों की चेतावनी देते हुए उस छूट को नजरअंदाज कर दिया है, जो उसने भारत को दी थी।

निज्जर हत्याकांड में कनाडा द्वारा गिरफ्तार किए गए चौथे भारतीय पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि हमने चौथे व्यक्ति की गिरफ्तारी की रिपोर्ट देखी है। अभी तक हमें इसकी औपचारिक जानकारी नहीं दी गई है।' हमें कॉन्सुलर एक्सेस का कोई अनुरोध भी नहीं मिला है।

ताइवान के साथ संबंधों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि ताइवान के साथ हमारा सांस्कृतिक, आर्थिक, व्यापार, निवेश और वैज्ञानिक क्षेत्रों में आदान-प्रदान जारी है। हम इन आदान-प्रदानों को जारी रखेंगे।

हिन्दुस्थान समाचार/ सुशील/दधिबल

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