बुधवार रात आकाश में दिखेगा अद्भुत नजारा, मंगल के साथ जोड़ी बनाते नजर आएगा सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह
- स्वतंत्रता दिवस की सुबह आकाश में देश सकेंगे मंगल और गुरु का मिलन
भोपाल, 13 अगस्त (हि.स.)। खगोल विज्ञान में रुचि रखने वालों के लिए बुधवार, 14 अगस्त की रात खास होने जा रही है। इस दौरान आकाश में अद्भुत नजारा देखने को मिलेगा। दरअसल, 14 अगस्त को मध्यरात्रि के बाद आकाश मे लाल ग्रह कहे जाने वाला मंगल और सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति (गुरु) जोड़ी बनाते नजर आएंगे। भारत में इस घटना को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सुबह सबेरे तक देख सकेंगे।
नेशनल अवार्ड प्राप्त विज्ञान प्रसारक सारिका घारू ने मंगल और गुरु के मिलन की इस घटना की जानकारी देते हुए बताया कि खगोल विज्ञान में इसे कंजक्शन ऑफ मार्स एंड जुपिटर कहा जाता है। इसके अलावा इस घटना को तकनीकी रूप से एपल्स भी कहते हैं।
उनके मुताबिक बुधवार मध्यरात्रि के बाद लगभग एक बजे यह दोनों ग्रह पूर्वी आकाश में जोड़ी बनाते हुए ही उदित होंगे और इसके बाद इस जोड़ी को खाली आंखों से अथवा टेलिस्काप से देखा जा सकता है। धीरे-धीरे ये ग्रह आगे बढ़ते हुये स्वतंत्रता दिवस की सुबह सूर्यादय की लालिमा आने तक दिखाई देंगे। इस दौरान बृहस्पति की चमक माईनस 2.2 और मंगल की चमक 0.8 मैग्नीटयूड होगी। इस जोड़ी के पीछे वृषभ तारामंडल होगा।
उन्होंने बताया कि जोड़ी बनाते इन ग्रहों में मंगल पृथ्वी से लगभग 22 करोड़ किलोमीटर से अधिक दूर होगा, तो बृहस्पति 80 करोड़ किलोमीटर से अधिक दूर होगा। दूरी में इतना अंतर होते हुए भी पृथ्वी से देखने पर इनका कोण इस प्रकार होगा कि वे जोड़ी के रूप में एक-दूसरे मे समाते दिखेंगे।
सारिका ने बताया कि पूर्णिमा के चंद्रमा की आकाश में चौड़ाई लगभग 0.5 डिग्री दिखती है, जबकि जोड़ी बनाते इन ग्रहों के बीच की दूरी सिर्फ 0.3 डिग्री रह जाएगी, जो कि चंद्रमा की चौड़ाई से भी कम होगी। तो इस अद्भुत खगोलीय घटना को देखने से चूकिए मत, क्योंकि अगली बार बृहस्पति और मंगल के इतने करीब होने की घटना करीब नौ साल बाद एक दिसम्बर 2033 को होगी।
हिन्दुस्थान समाचार / मुकेश तोमर / संजीव पाश
हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्वाइन करने के लिये यहां क्लिक करें, साथ ही लेटेस्ट हिन्दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लिये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें।