पश्चिम बंगालः विवादों में घिरे कारा मंत्री अखिल गिरि ने दिया इस्तीफा
कोलकाता, 05 अगस्त (हि.स.)। वन विभाग की एक महिला अधिकारी के प्रति अपमानजनक टिप्पणी करने के मामले में राज्य के कारा मंत्री अखिल गिरि ने आखिरकार अपने पद से त्यागपत्र दे दिया है। सोमवार को उन्होंने अपना इस्तीफा राज्य के मुख्य सचिव को व्हाट्सएप के जरिए भेजा।
विवाद बढ़ने के बाद तृणमूल कांग्रेस ने अखिल गिरि से मंत्री पद से इस्तीफा देने को कहा था। अखिल ने कहा था कि वे सोमवार को विधानसभा में इस्तीफा देंगे। सोमवार सुबह कांथी से कोलकाता आकर विधानसभा भवन में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इस्तीफा पत्र सौंपने की उनकी योजना थी लेकिन राज्य प्रशासन की तरफ से उन्हें निर्देश दिया गया कि वे अपना इस्तीफा मुख्य सचिव को व्हाट्सएप पर भेजें। अखिल ने वैसा ही किया, जिससे यह साफ हो गया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उनके साथ आमने-सामने मिलना भी नहीं चाहतीं।
सोमवार सुबह एमएलए हॉस्टल से निकलते समय अखिल गिरि अपनी गाड़ी का रुख मोड़ कर वापस लौट आए। वहीं से उन्होंने इस्तीफे की तस्वीर खींच कर राज्य के मुख्य सचिव के कार्यालय में भेज दी। इस्तीफा भेजने के बाद अखिल ने कहा कि वे विधानसभा जाएंगे लेकिन मुख्यमंत्री से मुलाकात नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि वे वन विभाग के खिलाफ अपनी शिकायतें लिखित रूप में मुख्यमंत्री को बाद में बताएंगे। अखिल ने यह भी कहा कि वे 2026 तक विधायक हैं और अपने क्षेत्र रामनगर में विधायक के रूप में काम करेंगे।
अखिल ने बताया कि उनके द्वारा महिला अधिकारी के खिलाफ उपयोग किए गए शब्दों के लिए वे शर्मिंदा हैं, लेकिन जो कहा उसके विषय में उन्हें कोई पछतावा नहीं है। रविवार को ही तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देने को कहा था और अखिल ने उस निर्देश को मान लिया था। रविवार को कांथी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने बताया था कि उनका इस्तीफा तैयार है और वे इसे ईमेल करेंगे। उन्होंने कहा कि सोमवार को वे इस्तीफे की हार्ड कॉपी मुख्यमंत्री को सौंपेंगे। इसके कुछ घंटों बाद वे कांथी से कोलकाता के एमएलए हॉस्टल आ गए।
जब उनसे पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि पार्टी उनके साथ कठोर व्यवहार कर रही है तो अखिल ने कहा कि उन्होंने पार्टी के निर्देशों का पालन किया है। जब उनसे पूछा गया कि क्या वे महिला अधिकारी से माफी मांगेंगे, तो उन्होंने कहा, मैं किसी से माफी नहीं मांगूंगा। अखिल ने कहा कि वे मंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं लेकिन वे अभी भी रामनगर के विधायक हैं और एक जनप्रतिनिधि के रूप में वहां काम करेंगे।
उन्होंने कहा कि वे विधानसभा जाएंगे, लेकिन एक सामान्य सदस्य के रूप में।
हिन्दुस्थान समाचार / ओम पराशर / संतोष मधुप / संजीव पाश
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