कैलास मानसरोवर सहित अखंड भारत का सपना देखें : इंद्रेश कुमार

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कैलास मानसरोवर सहित अखंड भारत का सपना देखें : इंद्रेश कुमार


बालेश्वर अग्रवाल को भारत का सबसे प्रतिष्ठित सम्मान मिलना चाहिए : आलोक मेहता

नई दिल्ली, 23 मई (हि.स.)। प्रवासी भारतीयों को जोड़ने की संकल्पना देने वाले एवं हिन्दुस्थान समाचार के यशस्वी सम्पादक स्व. बालेश्वर अग्रवाल का गुरुवार को भावपूर्ण स्मरण किया गया। पंडित दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर स्थित प्रवासी भवन में उनकी 11वीं पुण्यतिथि पर आयोजित समारोह में बड़ी संख्या में उनके प्रशंसक जुटे। इसके साथ ही देश-विदेश के प्रतिनिधि भी ऑनलाइन जुड़े थे। मॉरीशस, गुयाना और सूरीनाम के दिल्ली स्थित दूतावासों के प्रतिनिधि भी पुष्पांजलि अर्पित करने पहुंचे थे। समारोह का आयोजन अंतरराष्ट्रीय सहयोग परिषद ने किया था।

भारतवंशियों को जोड़ने वाले यशस्वी पत्रकार बालेश्वर अग्रवाल को एक स्वप्न द्रष्टा बताते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक इंद्रेश कुमार ने कहा कि अब उनके सपने साकार हो रहे हैं। हिंदू समाज 500 साल से अयोध्या में रामलला की पुनर्प्रतिष्ठा का सपना देख रहा था, उसके लिए संघर्ष कर रह था, वह सपना भी इस साल साकार हुआ। हम एक देश, एक विधान, एक प्रधान का सपना 1952 से देखते आ रहे थे, अब वो विभाजनकारी अनुच्छेद 370 भी ख़त्म हुई और सपना साकार हुआ। उन्होंने सिख समाज का आह्वान किया कि वह भी विभाजन के बाद उस पार लाहौर में रह गये ननकाना साहिब गुरुद्वारे को फिर से पाने का सपना देखें। हर भारतवासी कैलास मानसरोवर का स्वप्न देखें। हम सब मिलकर एक समर्थ-शक्तिशाली और अखंड भारत का सपना देखें। पर सपना देखना ही महत्व का है। जब सपना देखेंगे तो पूरा होने के भी रास्ते खुलेंगे।

वरिष्ठ पत्रकार आलोक मेहता ने बालेश्वर अग्रवाल को अपना गुरु बताते हुए कहा कि उन्होंने भारतीय भाषाओं की पत्रकारिता को स्थापित करने के साथ ही भारतवंशियों को जोड़ने का बीजारोपण किया। हिंदी सम्मेलन और प्रवासी भारतीय सम्मेलन जैसे बड़े एवं प्रतिष्ठित आयोजनों की संकल्पना भी उन्होंने ही दी थी। आलोक मेहता ने कहा कि सरकार भारत रत्न देती है, पर नोबल पुरस्कार किसी सरकार का सम्मान नहीं है। ऐसे ही हमें भारत के कुछ फाउंडेशन्स के साथ मिलकर देश का नोबल पुरस्कार जैसा प्रतिष्ठित सम्मान देने का आयोजन करना चाहिए और उसका पहला सम्मान बालेश्वर अग्रवाल जी को देना चाहिए।

कार्यक्रम का संचालन स्व. बालेश्वर अग्रवाल की नातिन सुषमा अग्रवाल ने किया। सुप्रसिद्ध भजन गायक अजय याज्ञनिक ने भजनों का सुंदर गायन प्रस्तुत किया।

हिन्दुस्थान समाचार/जितेन्द्र/पवन

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