हिसार के हवाई अड्डे से भारतीय वायुसेना करेगी लड़ाकू विमानों का संचालन

हवाई अड्डे से उड़ान भरेंगे जैट, तैयारियां पूरी, लड़ाकू विमानों का दस्ता जल्द पहुंचेगा
हिसार, 4 फरवरी (हि.स.)। हिसार में नवनिर्मित महाराजा अग्रसेन हवाई अड्डे से
भारतीय वायुसेना लड़ाकू विमानों का संचालन करेगी। इसके लिए भारतीय वायुसेना के 55 अधिकारियों का एक दल मंगलवार को हिसार एयरपोर्ट पहुंचा। इसमें सिरसा वायुसेना से करीब 18 की संख्या
में पायलेट दल पहुंचा है। इस दल में अधिकतर पायलेट सिरसा एयरफोर्स स्टेशन से हैं। इसके
अलावा एयरफोर्स के अधिकारी भी शामिल हैं।
मंगलवार को सिरसा एयरफोर्स स्टेशन से 10 वाहन एयरपोर्ट में गए। इसमें जेट विमानों
पर चढ़ने वाली सीढ़ियों से लेकर टेक्निकल सामान शामिल रहा। एयरपोर्ट पर सारा दिन वाहनों
की आवाजाही रही। इसके अलावा प्रशासनिक अधिकारियों ने भी यहां बैठक की। फायर ब्रिगेड
की गाड़ियां अंदर जाती देखी गई। इसके अलावा एयरपोर्ट के आसपास सफाई भी की गई है ताकि
गंदगी से पक्षी ना आएं और जहाजों के उड़ान में किसी तरह की रूकावट ना आए। हिसार एयरपोर्ट
पर बनी नई हवाई पट्टी पर वायुसेना का प्रशिक्षण कार्यक्रम होगा, जो 7 फरवरी तक चलेगा।
सिरसा वायुसेना स्टेशन के ग्रुप कैप्टन रीतम कुमार इस कार्यक्रम का नेतृत्व करेंगे। करीब 18 पायलट हिसार पहुंच चुके हैं और यहां प्रशिक्षण कार्यक्रम में हिस्सा
लेंगे। इस कार्यक्रम को लेकर वायुसेना स्थानीय प्रशासन के संपर्क में है। प्रशासन ने
यहां पायलटों को सुविधाएं मुहैया कराई हैं। पायलट 3 दिन तक एयरपोर्ट के अंदर बने गेस्ट
हाउस में रहेंगे।
पहले उतर चुका पीएम का बोइंग
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बोइंग विमान हिसार एयरपोर्ट पर उतर
चुका है। बताया जा रहा है कि यहां भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल जेट विमानों
के साथ रिहर्सल की जाएगी। इससे पहले वायुसेना एक्सप्रेस-वे पर जेट विमान भी उतार चुकी
है। हिसार इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यहां से सिरसा और अंबाला एयरपोर्ट ज्यादा
दूर नहीं हैं। हिसार में सेना की एक बड़ी छावनी है। ऐसे में इस एयरपोर्ट को सेना अपनी तैयारियों
के तौर पर भी देख रही है। सिरसा और अंबाला एयरपोर्ट को बैकअप देने के लिए इस एयरपोर्ट
का इस्तेमाल किया जा सकता है। हिसार एयरपोर्ट का रनवे अभी बना है। यहां से वायुसेना
के पायलट जेट उड़ाकर हिसार से सिरसा और अंबाला के लिए कितनी जल्दी पहुंच सकते हैं, इसकी
भी संभावनाएं देखी जाएंगी।
हिन्दुस्थान समाचार / राजेश्वर