सीमा विवादों, आतंकवाद और साइबर खतरों पर वायु सेना प्रमुख ने चिंता जताई
- आंतरिक और बाहरी सुरक्षा के लिए एकीकृत दृष्टिकोण अपनाने पर जोर
- भारतीय सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण में अधिक निवेश करने का सुझाव
नई दिल्ली, 25 जून (हि.स.)। वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने समकालीन सुरक्षा परिदृश्य में सीमा विवादों और आतंकवाद तथा साइबर खतरों और क्षेत्रीय अस्थिरता तक कई तरह की चुनौतियां पर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि भारत को अपने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण में निवेश करने के साथ ही रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने पर जोर देना चाहिए। वायु सेना प्रमुख ने सुझाव दिया है कि आंतरिक और बाहरी सुरक्षा के लिए एकीकृत दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी मंगलवार को सुब्रतो पार्क, नई दिल्ली के वायु सेना सभागार में भारतीय वायु सेना, कॉलेज ऑफ एयर वारफेयर और सेंटर फॉर एयर पावर स्टडीज की ओर से आयोजित एक सेमिनार के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारी रणनीतिक संस्कृति ऐतिहासिक अनुभवों और लगातार विकसित हो रहे भू-राजनीतिक वातावरण से आकार लेती है। यह रणनीतिक स्वायत्तता, सावधानी और क्षेत्रीय अखंडता पर मजबूत ध्यान देने पर जोर देती है। समकालीन सुरक्षा परिदृश्य सीमा विवादों और आतंकवाद से लेकर साइबर खतरों और क्षेत्रीय अस्थिरता तक कई तरह की चुनौतियां पेश करता है।
उन्होंने कहा कि अपने राष्ट्रीय हितों को सुरक्षित करने के लिए भारत को अपने सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण में निवेश करना चाहिए। साथ ही रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के अलावा स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देना चाहिए। उन्होंने आंतरिक और बाहरी सुरक्षा दोनों के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया। एयर चीफ मार्शल चौधरी ने सीमा विवादों और आतंकवाद से लेकर साइबर खतरों और क्षेत्रीय अस्थिरता तक भारत के सामने मौजूद बहुआयामी चुनौतियों पर भी बात की। उन्होंने कहा कि समकालीन सुरक्षा परिदृश्य सीमा विवादों और आतंकवाद से लेकर साइबर खतरों और क्षेत्रीय अस्थिरता तक बहुआयामी चुनौतियां पेश करता है।
भारत की रणनीतिक विरासत पर विविध दृष्टिकोणों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि यूरोपीय विचारक इस बात पर जोर देंगे कि भारत में शासन कला का अभ्यास पूरे इतिहास में देखा गया है। रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्य भारत के भव्य रणनीतिक विचारों को प्रदर्शित करते हैं। प्रभावी रणनीतिक योजना के महत्व को स्वीकार करते हुए एयर चीफ मार्शल चौधरी ने कहा कि भारत की रणनीतिक संस्कृति हो या न हो, राय के तौर पर हमारी व्यावहारिक राजनीति, शासन कला और कूटनीति हमेशा हमारी ऐतिहासिक, घरेलू और समकालीन भू-राजनीति का अभिन्न अंग रही है।
एयर चीफ मार्शल चौधरी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने अपनी हालिया पुस्तक 'व्हाई भारत मैटर्स' में महाकाव्य नाटक के माध्यम से अपना दृष्टिकोण प्रस्तुत करके समकालीन, जटिल अंतरराष्ट्रीय स्थितियों के लिए एक नया दृष्टिकोण पेश किया है। इस कार्यक्रम में सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी, वरिष्ठ सैन्य कमांडर, दिग्गज, विभिन्न मंत्रालयों और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के वरिष्ठ अधिकारी और केंद्रीय और राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपति शामिल हुए। संगोष्ठी में प्रमुख हस्तियों ने भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और रणनीतिक विरासत के संदर्भ में अंतरराष्ट्रीय संबंधों के लिए नए दृष्टिकोणों की खोज की।
भारतीय वायु सेना की रणनीतिक शैक्षिक पहल ‘युद्ध और एयरोस्पेस रणनीति कार्यक्रम (डब्ल्यूएएसपी)’ का यह तीसरा संस्करण है। कार्यक्रम की शुरुआत वर्ष 2022 में व्यावसायिक सैन्य शिक्षा कार्यक्रम के रूप में की गई थी, जिसका उद्देश्य युद्ध के विभिन्न क्षेत्रों में अच्छी तरह से शोध करके रणनीति बनाना था। इस कार्यक्रम की शुरुआत 16 मार्च को तीनों सेनाओं की भागीदारी के साथ-साथ पहली बार शिक्षाविदों के साथ हुई थी। प्रतिभागियों में भारतीय वायु सेना के 14 अधिकारी, भारतीय नौसेना के दो, भारतीय सेना के एक और थिंक टैंक के एक शोध विद्वान शामिल हैं। स्नातकों को राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय की और से रणनीतिक अध्ययन में पीजी डिप्लोमा प्रदान किया जाएगा।
हिन्दुस्थान समाचार/सुनीत निगम
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