टीबी मुक्त भारत बनाने में आयुर्वेद का अहम योगदान: डा. तनूजा

टीबी मुक्त भारत बनाने में आयुर्वेद का अहम योगदान: डा. तनूजा
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टीबी मुक्त भारत बनाने में आयुर्वेद का अहम योगदान: डा. तनूजा


नई दिल्ली, 1 दिसंबर (हि.स.)। अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान में टीबी का इलाज आयुर्वेद तरीके से सफलतापूर्वक किया जा रहा है। संस्थान की निदेशक प्रो ( डॉ ) तनूजा मनोज नेसरी ने बताया कि में सुप्त तपेदिक संक्रमण (एलटीबीआई ) का इलाज सफल तरीके आयुर्वेद के माध्यम से किया जा रहा है। आने वाले समय में अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान टीबी के केस स्टडीज को दुनिया के सामने रखेगा। तनूजा नेसरी शुक्रवार को टीबी के प्रति देश में जागरूकता लाने के लिए आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन समारोह में बोल रही थीं।

निदेशक प्रो तनूजा मनोज नेसरी ने कहा कि देश प्रधानमंत्री के नेतृत्व में 2025 तक टीबी को समाप्त करने की राह पर है और इस क्षेत्र में आयुर्वेद एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में सक्षम है । उन्होंने आयुष मंत्रालय के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान टीबी जैसी बीमारी के खिलाफ लड़ाई में वैश्विक संकल्पों की दिशा में नई ऊर्जा का संचार करेगा। इस संगोष्ठी में विशेष रूप से दिल्ली और हरियाणा राज्य के आयुर्वेदिक चिकित्सा अधिकारी भाग ले रहे हैं और देश के तमाम मंचों से लोग सोशल मीडिया के लाइव प्लेटफॉर्म से भी इसका हिस्सा बन रहे हैं।

उन्होंने कहा कि देश ही नहीं दुनिया की बड़ी आबादी एलटीबीआई से पीड़ित है। इसमें टीबी के जीवाणु शरीर में सुप्तावस्था में रहते हैं और इससे बचाव के लिए विभिन्न रक्त परीक्षण या टीएसटी टेस्ट करवाने जरूरी होता है। अगर इसमें कोई भी परीक्षण अगर पॉजिटिव रहता है तो एक्स रे करवाना जरूरी होता है। इसके अलावा कार्यशाला में सुप्त क्षय रोग संक्रमण और आयुर्वेदिक प्रबंधन की जानकारी दी जाएगी । इस अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के केंद्रीय टीबी प्रभाग में संयुक्त निदेशक डॉ. रघुराम राव और डीन प्रो आनंद मोरे उपस्थित रहे।

हिन्दुस्थान समाचार/ विजयलक्ष्मी/दधिबल

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