एमिटी विश्वविद्यालय और एआईआईए के बीच शोध व शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
नई दिल्ली, 9 अगस्त (हि.स.)। दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (एआईआईए) और नोएडा के एमिटी विश्विद्यालय के बीच शुक्रवार को शिक्षा, शोध और प्रोद्योगिकी से जुड़े एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। एमओयू पर एआईआईए निदेशक प्रो. तनुजा नेसरी और एमिटी विश्वविद्यालय के संयुक्त रजिस्ट्रार आशा प्रेमनाथ ने हस्ताक्षर किए, जो पिछले पांच वर्षों से चले आ रहे एमिटी यूनिवर्सिटी के साथ समझोता ज्ञापन का विस्तार है।
इस अवसर पर एआईआईए की निदेशक प्रो. नेसरी ने कहा कि हमारा संस्थान प्रधानमंत्री के विजन 2047 विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है और ये एमओयू इस दिशा में महत्वपूर्ण पड़ाव साबित होगा। आपसी ज्ञान और शोध को साझा करके हम विकास को बढ़ावा दे सकते हैं।
समझौता ज्ञापन का उद्देश्य एक सहयोगात्मक शिक्षा कार्यक्रम, पब्लिकेशन, क्षमता निर्माण और संयुक्त क्षमता निर्माण परियोजनाओं को बढ़ावा देना है। इससे क्षमता निर्माण और आजीवन सीखने, अकादमिक उत्कृष्टता और इसके विकास, प्रोद्योगिकी एवं अत्याधुनिक कार्यक्रमों को बढ़ावा देना शामिल है। शैक्षणिक, अनुसंधान और प्रशिक्षण उद्देश्यों के लिए छात्रों और फ़ैकल्टी का आदान प्रदान होगा।
इस अवसर पर एमिटी यूनिवर्सिटी की कुलपति डॉ. बलविंदर शुक्ला; एमिटी साइंसेज टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन फाउंडेशन के अध्यक्ष, डॉ. डब्ल्यू. सेल्वामूर्ति; डीन डॉ. बीसी दास और एमिटी विश्वविद्यालय उत्तर प्रदेश के अन्य वरिष्ठ सदस्य उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि एआईआईए ने आयुर्वेद के क्षेत्र में शोध और प्रलेखन को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय स्तर के तकनीकी संस्थाओं और विश्विद्यालयों के साथ 40 एमओयू किए हैं जिसने आईआईटी, सीएसआईआर जैसे बड़े संस्थान शामिल हैं वहीं 17 अंतरराष्ट्रीय नामी गिरामी संस्थाओं के साथ समझौता ज्ञापन किए हैं।
हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी / पवन कुमार श्रीवास्तव
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