भगवानदास मोरवाल को ‘अज्ञेय शब्द सृजन सम्मान’ और डॉ. घनश्याम को ‘दक्षिण भारत शब्द हिंदी सेवी सम्मान’

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नई दिल्ली, 27 सितंबर (हि.स.)। बेंगलुरू के हिंदी रचनाकारों की प्रसिद्ध साहित्यिक संस्था ‘शब्द’ ने शुक्रवार को वर्ष 2024 के लिए ‘अज्ञेय शब्द सृजन सम्मान’ तथा ‘दक्षिण भारत शब्द हिंदी सेवी सम्मान’ के विजेताओं की घोषणा की। एक लाख रुपए का ‘अज्ञेय शब्द सृजन सम्मान’ हिंदी कथाकार भगवानदास मोरवाल को उनके उपन्यास ‘खानजादा’ के लिए प्रदान किया जाएगा। 21 हजार रुपए का ‘दक्षिण भारत शब्द हिंदी सेवी सम्मान’ कर्मठ हिंदी सेवी एवं शिक्षाविद डॉ. घनश्याम एस को दिया जाएगा।

‘शब्द’ के अध्यक्ष डॉ श्रीनारायण समीर ने आज यहां जारी की गई जानकारी में बताया कि दोनों पुरस्कार विजेताओं को आगामी 22 दिसंबर को बेंगलुरू में आयोजित सारस्वत समारोह में पुरस्कार राशि के साथ पारंपरिक मैसूर पेटा, स्मृति चिह्न, श्रीफल और अंगवस्त्रम् भेंट कर सम्मानित किया जाएगा।

इन पुरस्कारों का निर्णय हिंदी भाषा और साहित्य के सर्जक विद्वानों की पाँच सदस्यीय मूल्यांकन समिति की संस्तुति के आधार पर निर्णायक मंडल ने सर्वसम्मति से किया। निर्णय में पुरस्कार विजेताओं की कृतियों के पारदर्शी मूल्यांकन के साथ-साथ उनके अबतक के सर्जनात्मक अवदान को भी आधार बनाया गया।

‘शब्द’ के अध्यक्ष डॉ. समीर ने बताया कि ‘अज्ञेय शब्द सृजन सम्मान’ बेंगलुरू के प्रसिद्ध समाजसेवी और अज्ञेय साहित्य के मर्मज्ञ बाबूलाल गुप्ता के फाउंडेशन के सौजन्य से दिया जाता है। इसी तरह ‘दक्षिण भारत शब्द हिंदी सेवी सम्मान’ बेंगलुरू और चेन्नई से प्रकाशित प्रमुख हिंदी समाचार पत्र समूह ‘दक्षिण भारत राष्ट्रमत’ के सौजन्य से प्रदान किया जाता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / बिरंचि सिंह

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