अब कानपुर में बनी मशीन गन यूरोपीय देशों को निर्यात करेगा भारत

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अब कानपुर में बनी मशीन गन यूरोपीय देशों को निर्यात करेगा भारत


- अगले तीन वर्षों में यूरोपीय कंपनियों को आपूर्ति की जाएगी 2,000 एमएमजी - प्रतिस्पर्धी यूरोपीय हथियार बाजार में भारत की स्थिति और ज्यादा मजबूत होगी

नई दिल्ली, 26 सितम्बर (हि.स.)। भारत पहली बार अपनी अपग्रेडेड मीडियम मशीन गन (एमएमजी) का निर्यात यूरोपीय देशों को करने जा रहा है। यह एमएमजी प्रति मिनट 1,000 राउंड फायर करने में सक्षम है। कानपुर की स्मॉल आर्म्स फैक्टरी (एसएएफ) में तैयार की जाने वाली 2,000 एमएमजी अगले तीन वर्षों में यूरोपीय कंपनियों को आपूर्ति की जाएगी। यह निर्यात सौदा भारत के रक्षा क्षेत्र के लिए एक बड़ी छलांग है, जिससे प्रतिस्पर्धी यूरोपीय हथियार बाजार में भारत की स्थिति और मजबूत होगी।

कानपुर में रक्षा मंत्रालय की हथियार उत्पादन इकाई स्मॉल आर्म्स फैक्टरी (एसएएफ) है, जहां सेनाओं को आपूर्ति किये जाने वाले छोटे हथियारों का उत्पादन किया जाता है। यह कारखाना पुलिस इकाइयों, राज्य पुलिस संगठनों और बीएसएफ आईटीबीपी, सीआईएसएफ, सीआरपीएफ और एसएसबी सहित अर्धसैनिक बलों के लिए आवश्यक अत्याधुनिक छोटे हथियारों के उत्पादन में माहिर है। एसएएफ ने कई प्रकार के रिवाल्वर बनाए हैं, जिनका इस्तेमाल सुरक्षाबल कर रहे हैं। फैक्टरी में मीडियम मशीन गन (एमएमजी) भी तैयार की गई हैं, जिन्हें लगातार अपग्रेड किया जा रहा है। चीन और पाकिस्तान की अग्रिम सीमा पर इस्तेमाल की जाने वाली इंसास राइफल भी एसएएफ का बेहतरीन उत्पाद है।

स्मॉल आर्म्स फैक्टरी में निर्मित मीडियम मशीन गन (एमएमजी) को अपग्रेड किया गया है, जिसका ऑर्डर यूरोपीय कंपनियों से मिला है। हालांकि, एसएएफ के अधिकारियों ने सुरक्षा कारणों से एमएमजी की कीमत, खरीदारों के नाम और देश का खुलासा करने से इनकार कर दिया लेकिन यह पुष्टि की कि एसएएफ के साथ यूरोपीय कंपनियों से पिछले साल दिसंबर में 2,000 एमएमजी के लिए अनुबंध हुआ था। हस्ताक्षरित समझौते के अनुसार एमएमजी को उनकी आवश्यकताओं और जरूरतों के आधार पर अपग्रेड किया जा रहा है। यह एमएमजी प्रति मिनट 1,000 राउंड फायर करने में सक्षम है। एमएमजी को अपग्रेड किए जाने के बाद अगले तीन वर्षों में आपूर्ति किया जाना है। एसएएफ के अधिकारियों ने इस निर्यात सौदे को भारत के रक्षा क्षेत्र के लिए एक बड़ी छलांग बताया है, जो प्रतिस्पर्धी यूरोपीय हथियार बाजार में भारत की स्थिति को और मजबूत करेगी।

एसएएफ के अधिकारियों ने कहा कि एमएमजी में लगातार उच्च दर की फायर क्षमता है और यह वाहनों, टैंकों, विमानों, नावों और जहाजों जैसे कई लड़ाकू प्लेटफार्मों में उपयोग के लिए उपयुक्त है। एमएमजी की इन्हीं विशेषताओं ने यूरोपीय खरीदारों को सबसे अधिक आकर्षित किया। संशोधित एमएमजी का वजन लगभग 11 किलोग्राम है और इसे तिपाई माउंट से फायर किया जा सकता है। इसका इस्तेमाल आपातकालीन स्थितियों में कंधे और कूल्हे पर रखकर किया जा सकता है। क्रोमियम-प्लेटेड बोर और चैंबर से बने इसके बैरल को ज्यादा गर्म होने से बचाने के लिए जल्दी से बदला जा सकता है, जिससे लंबे समय तक फायरिंग के बाद राउंड को जलने से रोकता है।

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हिन्दुस्थान समाचार / सुनीत निगम

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