झारखंड में तानाशाही की सरकार, सवाल करना हुआ गुनाह : हिमंता

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झारखंड में तानाशाही की सरकार, सवाल करना हुआ गुनाह : हिमंता


झारखंड में तानाशाही की सरकार, सवाल करना हुआ गुनाह : हिमंता


रांची, 25 अगस्त (हि.स.)। असम के मुख्यमंत्री और झारखंड में भाजपा के चुनाव सह प्रभारी हिमंता बिस्वा सरमा ने कहा कि राज्य में राज्य में डिक्टेटरशिप चल रही है। सरकार से सवाल करना गुनाह हो गया है। सरकार खुद को ‘भगवान’ समझ बैठी है। वर्तमान डीजीपी को विधि की जानकारी नहीं है। उनके भरोसे राज्य में विधानसभा चुनाव संभव नहीं।

हिमंता बिस्वा सरमा ने रविवार को रांची के प्रदेश भाजपा कार्यालय के सामने स्थित एक रेस्टोरेंट में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवालिया लहजे में कहा कि आखिर इस हेमंत सरकार के अबतक के कार्यकाल में लोगों को मिला क्या? पूरा राज्य इस सरकार से पूछ रहा कि युवाओं को मिला क्या, महिलाओं को, किसानों को, सरकारी कर्मचारियों को मिला क्या? इस सरकार ने 2019 के चुनाव से पूर्व शहीद निर्मल महतो के शहादत स्थल पर जाकर कहा था कि 5 लाख युवाओं को नौकरी देंगे, नहीं तो संन्यास ले लेंगे। अब इस सरकार के पास मात्र एक महीना बचा है। एक महीना में जो करना है, कर लें।

सरमा ने कहा कि शिबू सोरेन राज्य और देश की जनता के लिए सम्माननीय हैं। ऐसे में यदि उनका बेटा अपना वादा न पूरा करे तो दिशोम गुरु का नाम धूमिल होगा। सरकार या तो सितंबर तक पांच लाख युवाओं को नौकरी दे या फिर सितंबर के आखिर या दाे अक्टूबर को राजनीति से संन्यास की घोषणा पर अमल करे।

जनता के पैसे की डकैती कर रही हेमंत सरकार

हिमंता ने आरोप लगाया कि सरकार की मंईयां योजना में जितना पैसा महिलाओं को दिया जा रहा, उससे अधिक पैसा प्रचार-प्रसार में जा रहा है। खिजरी की महिलाओं ने बताया कि उन्हें बालू नहीं मिल रहा। उल्टा बालू 5,500 से 6,000 रुपये सीएफटी हो गया है। सरकार जनता को पैसा नहीं दे रही, बल्कि उनसे पैसे वसूल रही है। सरकार जनता के पैसे की डकैती कर रही है। क्या हेमन्त सोरेन जनता के बीच जा कर पूछ सकते हैं कि उन्हें फ्री बालू मिल रहा है क्या? एक तरफ मुख्यमंत्री बालू फ्री देने की बात करते हैं, वहीं दूसरी तरफ बालू माफिया बालू फ्री होने नहीं दे रहे। सरकार चुप है।

राज्य की ऐसी हालत कि कोई सरकार से सवाल तक नहीं पूछ सकता

सरमा ने कहा कि राज्य की हालत ऐसी है कि यहां कोई सरकार से सवाल तक नहीं पूछ सकता। झारखंड में बांग्लादेश घुसपैठ की बात उन्होंने उठायी लेकिन सरकार नहीं मान रही। दो दिन पहले ही रांची से एक डॉक्टर अलकायदा का काम करते हुए गिरफ्तार हुआ है। उच्च न्यायालय भी घुसपैठ पर कह रहा है लेकिन सरकार मनाने को तैयार नहीं। राज्य के युवाओं ने अपने अधिकार के लिए जन आक्रोश रैली निकाला। बदले में सरकार युवाओं पर लाठियां, आंसू गैस फेंक रही है।

सरमा ने कहा कि भाजपा के आक्रोश रैली के बाद सरकार ने भाजपा के 55 नेताओं पर एफआईआर दर्ज किया है। इससे भाजपा को कोई आपत्ति नहीं है लेकिन 12,000 अज्ञात लोगों पर भी एफआईआर किया गया है, जिसमें नॉन बेल की धारा लगाई गई है। सरकार इसके माध्यम से अब वैसे युवाओं को कभी भी गिरफ्तार कर सकती है जो भी सरकार के खिलाफ सवाल उठाएगा। जलियांवाला बाग में भी ऐसा एफआईआर नहीं हुआ था। डीजीपी से आग्रह है कि इतना भी तेल सरकार को न लगाएं। सरकार से आग्रह है कि वह लिमिट क्रॉस न करे। इस तरह के एफआईआर का ऐसा कोई भी उदाहरण देश में नहीं है।

चुनाव आयोग से डीजीपी के खिलाफ करेंगे शिकायत

सरमा ने कहा कि वे चुनाव आयोग से राज्य के वर्तमान डीजीपी के खिलाफ शिकायत करेंगे कि उसके होते यहां चुनाव संभव नहीं होगा। सरकार ने जनता से वादा किया था और जब जनता पूछ रही तो उनके खिलाफ अज्ञात एफआईआर किया गया। सरकार 12000 अज्ञात का नाम बताए। सत्तारूढ जेएमएम ने कहा है कि 23 अगस्त को 5,000 लोग आक्रोश रैली में भारत माता की जय का नारा लगाया रहे थे, तो डीजीपी बताए कि बाकी के 7000 लोग कौन हैं। भारत में कानून का राज है।

सरमा ने डीजीपी को चैलेंज दिया कि तीन दिन के अंदर 12,000 का नाम बताएं। भारत में आंदोलन करने का अधिकार सबको है। भाजपा फिर से जवाब मांगने सितंबर में आएंगी। भाजपा न्यायालय जाएगी। शहीद निर्मल महतो के शहीद स्थल पर भी जाकर सरकार से जवाब मांगेगी। सरकार ने जो भी वादे किये हैं, उसे सरकार को पूरा करना ही होगा। वे हेमंत सोरेन को चैन से सोने नहीं देंगे, जागने नहीं देंगे।

हिमंता सरमा ने कहा कि आंदोलन कर रहे थे, वो घुसपैठिए नहीं थे, वो राज्य के युवा थे। जिस तरह से रांची एसएसपी ने 12,000 अज्ञात लोगों पर एफआईआर किया, ऐसे में उन्हें सवाल करने का कोई हक नहीं है। पुलिस बताए कि रैली के दौरान कंटीले तार क्यों लगाए गये? भाषण के बीच में टियर गैस क्यों चलाया? वे इस पूरे मामले में न्यायिक जांच की मांग करते हैं।

एक भी घोषणा पर अमल नहीं: बाबूलाल मरांडी

वर्चुअल मोड में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बाबूलाल ने कहा कि वे तिसरी ब्लॉक (गिरिडीह) की बेलवाना पंचायत के एक गांव में हैं। यहां उन्होंने बुजुर्ग, विधवा महिलाओं से हेमंत सोरेन सरकार की सर्व जन पेंशन योजना के बारे में पूछा। 50 परिवार वाले इस गांव में 10 ने तो बताया कि काफी पहले एक फॉर्म भराया गया था, जिसमें उनके साथ ठगी भी हुई। अब मंईयां योजना का लाभ देने की बात हो रही है। साढे चार सालों बाद अब सबों को समझ आ चुका है कि सरकार चुनाव को देखते यह सब झांसा दे रही है। यह सरकार किसी वादे पर खरा नहीं उतर सकी है।

हर वर्ग के साथ हुआ धोखा: अमर कुमार बाउरी

नेता प्रतिपक्षा अमर कुमार बाउरी ने हेमंत सोरेन सरकार के पांच साल और उनके वादे, हकीकत को लेकर एक वीडियो जारी किया। साथ ही कहा कि महिला, किसान, युवा और दूसरे सभी वर्ग के लोगों के साथ इस सरकार ने वादाखिलाफी किया है। झामुमो के घोषणापत्र में हर साल एक लाख नौकरी, बिना गारंटर 50 हजार का लोन, 5000-7000 बेरोजगारी भत्ता सहित अन्य वादे थे। एक भी पूरा नहीं हुआ। विधानसभा में जब सरकार को भाजपा ने घेरा तो 18 विधायकों को निलंबित कर दिया गया। 23 अगस्त को युवा आक्रोश रैली रांची में आयोजित हुआ। इसमें आने से युवाओं को कंटीले तार लगाकर रोकने का प्रयास हुआ और 12,000 पर एफआईआर हुआ। सरकार के झूठे वादों, इरादों को सबके सामने लाने का प्रयास भाजपा कर रही है।

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हिन्दुस्थान समाचार / शारदा वन्दना / चन्द्र प्रकाश सिंह

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