इस्पात क्षेत्र के डी-कार्बोनाइजेशन के लिए अतिरिक्त धनराशि आवंटित की जा सकती है: आरके सिंह
नई दिल्ली, 24 जनवरी (हि.स.)। बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने बुधवार को उद्योग जगत की हस्तियों से मुलाकात के दौरान कहा कि इस्पात क्षेत्र के डी-कार्बोनाइजेशन के लिए सही तकनीक और रास्ते चुनने के लिए सभी प्रयास किए जाने चाहिए। इसके लिए धनराशि की कमी नहीं होने दी जाएगी। यदि जरूरत पड़ी तो अतिरिक्त धनराशि आवंटित की जा सकती है।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय हरित हाइड्रोजन मिशन के तहत इस्पात क्षेत्र के लिए पहले ही 455 करोड़ रुपये आवंटित किए जा चुके हैं। इस दौरान नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय, इस्पात मंत्रालय के अधिकारियों और लौह एवं इस्पात क्षेत्र के उद्योग प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि सरकार का विचार परिवर्तन में मदद करना है। यदि हम हरित हाइड्रोजन का उपयोग करते हैं तो कार्बन की मात्रा कम हो जाती है। इसलिए हमें ऐसा करने के तरीकों और साधनों के बारे में सोचने की जरूरत है। मंत्री ने कहा कि विकसित देशों द्वारा लगाई जा रही व्यापार बाधाओं के मद्देनजर क्षेत्र की प्रतिस्पर्धात्मकता के लिए भी ऊर्जा परिवर्तन महत्वपूर्ण है।
ऊर्जा मंत्री ने बताया कि कुछ निर्माताओं ने पहले ही इस्पात क्षेत्र में हरित हाइड्रोजन का प्रयोग शुरू कर दिया है। मिशन के तहत उपलब्ध धनराशि का उपयोग स्टील बनाने की प्रक्रिया में हाइड्रोजन के एकीकरण के लिए प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए किया जाना चाहिए।
हिन्दुस्थान समाचार/बिरंचि सिंह/आकाश
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