वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (भारत एवं यूनाइटेड किंगडम) के नाम, ट्रेडमार्क का गलत उपयोग करने वालों पर कार्रवाई शुरू

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वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (भारत एवं यूनाइटेड किंगडम) के नाम, ट्रेडमार्क का गलत उपयोग करने वालों पर कार्रवाई शुरू


नई दिल्ली, 29 अक्टूबर (हि.स.)। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (भारत एवं यूनाइटेड किंगडम) ने भारत एवं अन्य देशों में संचालित कुछ व्यक्तियों, संगठनों और संस्थाओं के विरुद्ध कानूनी नोटिस भेजा है, जो अवैध, भ्रामक और धोखाधड़ीपूर्ण तरीके से संस्था के नाम, प्रतीक, पंजीकृत ट्रेडमार्क, प्रमाणपत्र की डिजाइन, प्रिंटिंग शैली और कार्यक्रमों के स्वरूप की नकल या अनुकरण कर रहे हैं।

वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) एवं अधिवक्ता संतोष शुक्ला ने आज बताया कि संगठन ने अपनी वैश्विक साख और बौद्धिक संपदा अधिकारों की सुरक्षा के लिए सख्त विधिक एवं दंडात्मक कार्रवाई प्रारंभ की है। उन्होंने बताया कि यह पाया गया है कि कई अवैध संस्थाएं वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की पहचान, कार्यप्रणाली और दस्तावेजों की हूबहू नकल कर रही हैं। ये संस्थाएं वर्ल्ड रिकॉर्ड्स लंदन, ब्रिटिश, एक्सलन्स, कैम्ब्रिज, यूके, यूएसए, यूएन, हार्वर्ड, इंग्लैंड, ब्रिटेन, इंटरनेशनल, ग्लोबल आदि जैसे भ्रामक नामों का उपयोग कर जनता को भ्रमित कर रही हैं।

शुक्ला ने कहा कि इन सभी संस्थाओं का कार्यप्रणाली समान है- ये स्वयं को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स से संबद्ध दर्शाकर जनता को भ्रमित कर रही हैं, जो कि छलपूर्वक समानता स्थापित करना और उल्लंघन की श्रेणी में आता है। संगठन ने स्पष्ट किया है कि ऐसी सभी गतिविधियां धोखाधड़ीपूर्ण, भ्रामक एवं कानूनन दंडनीय हैं।

संगठन ने बताया कि कुछ संस्थाएं वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (भारत एवं यूके) के पंजीकृत कॉर्पोरेट, प्रकाशन और कर पहचान नंबरों- जैसे आरओसी (कंपनी रजिस्ट्रार), आरएनआई, जीएसटी और वैट- का भी अनधिकृत उपयोग और दुरुपयोग कर रही हैं। इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (भारत एवं यूके) ने संबंधित व्यक्तियों, संगठनों और उनके प्रमोटरों के विरुद्ध नागरिक एवं आपराधिक दोनों प्रकार की कार्रवाई प्रारंभ कर दी है। इन पर ट्रेडमार्क उल्लंघन, कॉपीराइट हनन, पासिंग ऑफ , धोखाधड़ी और आपराधिक मिथ्याप्रस्तुति के आरोपों के तहत कार्रवाई की जा रही है।

संगठन ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी अनधिकृत संस्था, कार्यक्रम या प्रमाणपत्र से भ्रमित न हों और किसी भी प्रकार की जानकारी, पुरस्कार या प्रमाणन को स्वीकार करने से पूर्व उसकी प्रामाणिकता की पुष्टि वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स (भारत एवं यूके) के आधिकारिक माध्यमों से अवश्य करें।

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हिन्दुस्थान समाचार / धीरेन्द्र यादव

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