अभयरैब वैक्सीन पर आईआईएल ने जारी किया स्पष्टीकरण
नई दिल्ली, 27 दिसंबर (हि.स.)। वैक्सीन निर्माता कंपनी इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड (आईआईएल) ने शनिवार को अपनी मानव एंटी-रेबीज वैक्सीन अभयरैब से संबंधित हालिया रिपोर्टों के बारे में स्पष्टीकरण जारी किया है। कंपनी ने कहा कि वह ऑस्ट्रेलिया की अति-सतर्कतापूर्ण और भ्रामक स्वास्थ्य सलाह का पुरजोर खंडन करती है। कंपनी ने कहा कि रेबीज के टीके अभयरैब (बैच संख्या केए24014, निर्माण तिथि: मार्च 2024; समाप्ति तिथि: फरवरी 2027) से संबंधित नकली टीके की घटना का पता जनवरी 2025 की शुरुआत में ही चल गया था। नकली बैच अब बाजार में उपलब्ध नहीं है।
कंपनी ने कहा कि आईआईएल ने एक विशिष्ट बैच में पैकेजिंग संबंधी गड़बड़ी पाई। कंपनी ने तुरंत भारतीय नियामकों और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को सूचित किया, औपचारिक शिकायत दर्ज कराई और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों के साथ मिलकर काम किया। कंपनी ने कहा कि यह एक अलग घटना है और नकली बैच अब बाज़ार में उपलब्ध नहीं है।
स्वास्थ्य पेशेवरों और आम जनता को आश्वस्त करते हुए आईआईएल ने इस बात पर ज़ोर दिया कि भारत में निर्मित टीके के प्रत्येक बैच की बिक्री या उपयोग के लिए उपलब्ध कराने से पहले केंद्रीय औषधि प्रयोगशाला (भारत सरकार) द्वारा जांच और मंजूरी दी जाती है।
आईआईएल के उपाध्यक्ष और गुणवत्ता प्रबंधन प्रमुख सुनील तिवारी ने कहा कि सरकारी संस्थानों और अधिकृत वितरकों के माध्यम से की गई आपूर्ति सुरक्षित और मानक गुणवत्ता की है।
इससे पहले इसी सप्ताह ऑस्ट्रेलियन टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन ने चेतावनी जारी करते हुए दावा किया था कि एक नवंबर 2023 से भारत में अभयरैब वैक्सीन के नकली बैच प्रचलन में हैं। एडवाइजरी में यह भी कहा गया था कि एक नवंबर 2023 के बाद भारत में जिन ऑस्ट्रेलियाई यात्रियों को अभयरैब वैक्सीन लगाई गई है, उन्हें उस टीकाकरण को अमान्य मानते हुए नया कोर्स शुरू करना चाहिए।
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हिन्दुस्थान समाचार / विजयालक्ष्मी

