आदि महोत्सव ने जनजातीय उद्यमिता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता दर्शाई : अर्जुन मुंडा

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आदि महोत्सव ने जनजातीय उद्यमिता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता दर्शाई : अर्जुन मुंडा


आदि महोत्सव ने जनजातीय उद्यमिता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता दर्शाई : अर्जुन मुंडा




नई दिल्ली, 14 फ़रवरी (हि.स.)। केंद्रीय जनजातीय मामले, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री अर्जुन मुंडा ने यहां पर चल रहे आदि महोत्सव के हिस्से के रूप में जनजातीय मामलों के मंत्रालय द्वारा आयोजित बिजनेस-टू-बिजनेस (बी2बी) मीट में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। सभा को संबोधित करते हुए अर्जुन मुंडा ने कहा कि इस कार्यक्रम ने जमीनी स्तर पर आदिवासी उद्यमिता को बढ़ावा देने की गहरी प्रतिबद्धता को रेखांकित किया है।

इस माैके पर जनजातीय मामले के सचिव सचिव विभु नायर ने बी2बी सत्र के महत्व पर जोर दिया और विभिन्न क्षेत्रों में जनजातीय उद्यमियों के बीच आर्थिक विकास, सहयोग और सशक्तिकरण के लिए उत्प्रेरक के रूप में इसकी भूमिका पर प्रकाश डाला। विशेषज्ञ के नेतृत्व वाली कार्यशालाओं और पैनल चर्चाओं में ब्रांडिंग रणनीतियों, पैकेजिंग नवाचारों, फंडिंग पहुंच और बाजार पहचान सहित उद्यमशीलता की सफलता के लिए आवश्यक विषयों पर चर्चा की गई।

आयोजन के दौरान प्रधानमंत्री जनजातीय विकास मिशन (पीएमजेवीएम) योजना के तहत एक सहयोगी ढांचे की स्थापना करते हुए भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास महासंघ (ट्राइ-फेड) और कॉर्पोरेट पावरहाउस आईटीसी के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया। इस पहल का उद्देश्य उन राज्यों में जहां हल्दी की खेती प्रचलित है,से ग्रामीण अर्थव्यवस्था के उत्थान और आजीविका में सुधार किया जा सके।

बी2बी मीट में आकर्षक चर्चाओं और नेटवर्किंग के अवसरों में 16 निगमों, 4 स्टार्टअप, 3 उद्योग परिसंघों, 1 खाद्य श्रृंखला रेस्तरां, 8 एसआईए व एसएनडी और 5 जैविक खाद्य डीलरों की सक्रिय भागीदारी देखी गई जो सीधे आदिवासी कारीगरों से जुड़े हुए थे। इन बातचीत का उद्देश्य उत्पादन क्षमताओं और खरीद संभावनाओं में जनजातीय उत्पादों के लिए घरेलू और वैश्विक बाजारों को व्यापक बनाना है।

इस कार्यक्रम में 90 विक्रेताओं ने नेटवर्किंग प्रतिभागियों के माध्यम से पंजीकरण कराया। जिसमें मेटा प्रतिनिधियों ने व्यापार विस्तार के लिए सोशल मीडिया प्लेटफार्मों का लाभ उठाने पर मार्गदर्शन प्रदान किया। डिजिटल एकीकरण और बाजार पहुंच के उद्देश्य से 20 विक्रेताओं को ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) नेटवर्क पर सफलतापूर्वक शामिल किया गया। 250 जनजातीय उद्यमियों के स्टालों वाली जीवंत प्रदर्शनी ने पारंपरिक शिल्प कौशल को समकालीन नवाचार के साथ मिश्रित करते हुए उत्पादों की विविध श्रृंखला से उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

हिन्दुस्थान समाचार/ बिरंचि सिंह/अनूप

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