आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में भारत के लिए अपार संभावनाएं : राज्यपाल
-राज्यपाल ने किया कुमाऊं विश्वविद्यालय में ‘बिग डाटा एंड कंप्यूटेशनल इंटेलिजेंस’ विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का वर्चुअल माध्यम से शुभारम्भ
नैनीताल, 83 नवंबर (हि.स.)। उत्तराखंड के राज्यपाल एवं कुलाधिपति सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने गुरुवार को कुमाऊं विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित ‘बिग डाटा एंड कंप्यूटेशनल इंटेलिजेंस’ विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का वर्चुअल माध्यम से शुभारम्भ किया।
संगोष्ठी में राज्यपाल सिंह ने कहा कि इंटेलिजेंस यानी बौद्धिक क्षमता मनुष्य में सीखने की, तर्कशक्ति की और समस्या को सुलझाने की क्षमता है। जब यही सारे काम मशीनों के समन्वय द्वारा किए जाते हैं, तो इसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कहा जाता है। उन्होंने कहा कि भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का क्षेत्र अभी शुरुआती दौर में है। इसके भविष्य में बहुत विकसित या फिर तेजी से बढ़ने की संभावनाएं हैं। इस क्षेत्र में तकनीकें विकसित होने से लोगों की जिंदगी अधिक सुरक्षित एवं रचनात्मक हो जाएगी।
उन्होंने कहा कि दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती और सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक होने के नाते भारत के लिए निरंतर विकास के लिए एआई की शक्ति का उपयोग करने के लिए समर्पित रूप से काम करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को पारंपरिक सोच को छोड़ कर शोध कार्यों को बढ़ावा देने और समस्याओं के सस्ते और स्थानीय समाधान खोजने हेतु एक अभिनव दृटिकोण अपनाना चाहिए।
संगोष्ठी में एनआईटी उत्तराखण्ड के निदेशक डॉ ललित अवस्थी, क्वाजुलू नेटल, वेस्टविले कैंपस साउथ अफ्रीका के प्रो अनेश महाराज, सी-डेक बैंगलोर के डॉ एस सुदरसन, प्रो संजय पंत, कुलसचिव दिनेश चंद्रा, कार्यक्रम संयोजक डॉ उमंग सैनी, डॉ रविंद्र पाठक आदि ने उल्लेखनीय भूमिका निभाई।
यह संगोष्ठी कुमाऊं विवि के कंप्यूटर साइंस एंड एप्लीकेशन विभाग द्वारा हाइब्रिड मोड में ‘आईईईई इंटरनेशनल कांफ्रेंस’ प्रारंभ हुई। तीन दिन तक चलने वाले संगोष्ठी में 55 के करीब शोध पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे।
जल्द दक्षिण अफ्रीका व श्रीनगर-बेंगलुरू से एमओयू करेगा कुविवि-
इस दौरान कुमाऊं विवि के कुलपति प्रो. एनके जोशी ने विश्वविद्यालय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में किये जा रहे शोध एवं नवाचार को प्रस्तुत किया। कुलपति प्रो. जोशी ने कहा कि कुविवि भविय में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और डेटा इंजीनियरिंग लैब की स्थापना पर भी कार्य कर रहा है, जिससे छात्रों को उभरते हुए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी क्षेत्रों में शोध करने का अवसर मिल सके। यह भी बताया कि विश्वविद्यालय शीघ्र ही क्वाजुलू नेटल, वेस्टविले कैंपस साउथ अफ्रीका, सी-डेक बैंगलुरू एवं नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी श्रीनगर के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बिग डाटा एवं डाटा साइंस के क्षेत्र में एमओयू करेगा।
हिन्दुस्थान समाचार/डॉ. नवीन जोशी/रामानुज

