इतिहास के पन्नों में 25 दिसंबरः अटल जी की जयंती और सुशासन दिवस

इतिहास के पन्नों में 25 दिसंबरः अटल जी की जयंती और सुशासन दिवस
WhatsApp Channel Join Now
इतिहास के पन्नों में 25 दिसंबरः अटल जी की जयंती और सुशासन दिवस


देश-दुनिया के इतिहास में 25 दिसंबर की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। इस तारीख को विश्व के कई देशों में क्रिसमस का पर्व मनाया जाता है। भारत के लिए 25 दिसंबर का महत्व अलग ही है। देश में 25 दिसंबर को क्रिसमस डे के तौर पर ही नहीं, बल्कि सुशासन दिवस के रूप में जाना जाता है। भारत में हर साल 25 दिसंबर को सुशासन दिवस मनाया जाता है। असल में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती पर 2014 में हर साल 25 दिसंबर को सुशासन दिवस मनाने की घोषणा की गई थी। साथ ही सुशासन दिवस के अवसर पर पूरे दिन काम करने का संकल्प लिया गया। सुशासन दिवस कई मायनों में महत्वपूर्ण है। सुशासन दिवस पारदर्शी एवं जवाबदेही प्रशासन की प्रतिबद्धता को दोहराता है। भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को हुआ था। उन्होंने वर्ष 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश किया। यही वह आंदोलन है जिसने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन का अंत किया। अटल जी ने संपादक और पत्रकार के रूप में राष्ट्रधर्म (हिंदी मासिक), पांचजन्य (हिंदी साप्ताहिक) और दैनिक वीर अर्जुन में महत्वपूर्ण योगदान दिया। कुछ समय बाद श्यामा प्रसाद मुखर्जी से प्रभावित होकर 1951 में भारतीय जनसंघ में शामिल हो गए। भारतीय जनता पार्टी के पितृ पुरुष वाजपेयी जी की कविताएं साहित्याकाश में स्वर्णिम अक्षरों में चमकती हैं।

वे 1957 से संसद सदस्य रहे हैं। वे पांचवीं, छठवीं, सातवीं लोकसभा और फिर उसके बाद 10वीं, 11वीं, 12वीं और 13वीं लोकसभा में चुनाव जीतकर पहुंचे। इसके अलावा 1962 और 1986 में दो बार वे राज्यसभा के सदस्य भी रहे। वर्ष 2004 में वे पांचवी बार लगातार लखनऊ से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचे। वाजपेयी जी इकलौते नेता हैं जिन्हें चार अलग-अलग राज्यों (उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश और दिल्ली) से चुनाव जीतकर लोकसभा पहुंचने का गौरव हासिल है। एक प्रधानमंत्री के तौर पर उनका कार्यकाल इतना गौरवशाली रहा कि आज भी उसे न सिर्फ याद किया जाता है, बल्कि उस पर अमल भी किया जाता है। इसमें पोखरण परमाणु परीक्षण, आर्थिक नीतियों में दूरदर्शिता आदि शामिल हैं। आधारभूत संरचना के विकास की बड़ी योजनाएं जैसे राष्ट्रीय राजमार्ग और स्वर्णिम चतुर्भुज योजनाएं भी इनमें शामिल हैं।

महत्वपूर्ण घटनाचक्र

1763ः भरतपुर के महाराजा सूरजमल की हत्या।

1771ः मुगल शासक शाह आलम (द्वितीय) मराठाओं के संरक्षण में दिल्ली के सिंहासन पर बैठे।

1892ः स्वामी विवेकानंद ने कन्याकुमारी में समुद्र के मध्य स्थित चट्टान पर बैठकर तीन दिन तक साधना की।

1924ः पहली अखिल भारतीय कम्युनिस्ट कॉन्फ्रेंस का कानपुर में समापन।

1946ः ताईवान में संविधान को अंगीकार किया गया।

1962ः सोवियत संघ ने नोवाया जेमल्या क्षेत्र में परमाणु परीक्षण किया।

1974ः रोम जा रहे एयर इंडिया के विमान बोइंग 747 का अपहरण।

1991ः राष्ट्रपति मिखाइल एस. गोर्बाचोव के त्यागपत्र के साथ ही सोवियत संघ का विभाजन एवं उसका अस्तित्व समाप्त।

1998ः रूस एवं बेलारूस के संयुक्त संघ बनाने संबंधी समझौते पर हस्ताक्षर।

2002ः चीन और बांग्लादेश के बीच रक्षा समझौता।

2005ः मॉरीशस में 400 वर्ष पूर्व विलुप्त 'डोडो' पक्षी का दो हजार वर्ष पुराना अवशेष मिला।

2012ः दक्षिणी कजाकिस्तान के शिमकेंट शहर में एन्टोनोव कंपनी का एएन-72 विमान दुर्घटनाग्रस्त। 27 लोगों की मौत हो गई।

जन्म

1642ः महान गणितज्ञ, ज्योतिर्विद एवं दार्शनिक आइजैक न्यूटन।

1861ः स्वतंत्रता सेनानी और शिक्षाविद मदनमोहन मालवीय।

1872ः संस्कृत भाषा के प्रकाण्ड पंडित गंगानाथ झा।

1876ः ब्रिटिशकालीन भारत के प्रमुख नेता मोहम्मद अली जिन्ना।

1919ः प्रसिद्ध संगीतकार नौशाद।

1924ः पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी।

1925ः प्रसिद्ध चित्रकार सतीश गुजराल।

1926ः हिंदी साहित्यकार सतीश गुजराल।

1936ः कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एन. धरम सिंह।

1959ः भारतीय राजनीतिज्ञ रामदास अठावले।

निधन

1846ः कर्नाटक संगीत परंपरा के प्रखर संगीतज्ञ स्वाति तिरुनल।

1972ः भारत के अंतिम गवर्नर जनरल चक्रवर्ती राजागोपालाचारी।

1977ः हॉलीवुड के प्रसिद्ध अभिनेता चार्ली चैपलिन।

1994ः पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह।

2005ः असम के पूर्व मुख्यमंत्री सरत चन्द्र सिन्हा।

2015ः भारतीय सिनेमा की प्रसिद्ध अभिनेत्री साधना।

दिवस

-पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी की जयंती

-सुशासन दिवस

-क्रिसमस

हिन्दुस्थान समाचार/मुकुंद

हमारे टेलीग्राम ग्रुप को ज्‍वाइन करने के लि‍ये  यहां क्‍लि‍क करें, साथ ही लेटेस्‍ट हि‍न्‍दी खबर और वाराणसी से जुड़ी जानकारी के लि‍ये हमारा ऐप डाउनलोड करने के लि‍ये  यहां क्लिक करें।

Share this story