इतिहास के पन्नों में 21 फरवरीः कर्नाटक की 'लक्ष्मीबाई' रानी चेन्नम्मा के सामने अंग्रेज सेना ने टेके घुटने

इतिहास के पन्नों में 21 फरवरीः कर्नाटक की 'लक्ष्मीबाई' रानी चेन्नम्मा के सामने अंग्रेज सेना ने टेके घुटने
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इतिहास के पन्नों में 21 फरवरीः कर्नाटक की 'लक्ष्मीबाई' रानी चेन्नम्मा के सामने अंग्रेज सेना ने टेके घुटने


देश-दुनिया के इतिहास में 21 फरवरी की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। यह तारीख कर्नाटक में 'लक्ष्मीबाई' के रूप में विख्यात वीरांगना और रानी चेन्नम्मा के साथ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के लिए भी खास है। अंग्रेजों की फौज के दांत खट्टे करने वालीं रानी चेन्नम्मा ने अंतिम समय तक हार नहीं मानी। उन्होंने आखिरी दम तक लड़ाई लड़ी और 21 फरवरी,1829 को अपना सर्वोच्च बलिदान कर दिया।

झांसी की रानी लक्ष्मीबाई ने तो 1857 के विद्रोह में अंग्रेजों को धूल चटाई थी, लेकिन रानी चेन्नम्मा ने 1824 में ही ये कर दिखाया था। वह अंग्रेजों का विरोध करने वालीं पहली भारतीय शासक हैं। 20 हजार अंग्रेजी सैनिकों की फौज ने जब अचानक कित्तूर राज्य की तरफ रुख किया तो दहशत फैल गई थी। उस वक्त कित्तूर की फौज अंग्रेजों के सामने कुछ भी नहीं थी, लेकिन उनके पास था उस वीरांगना का हौसला जिसने अकेले ही अंग्रेजों के खिलाफ बिगुल बजा रखा था। अक्टूबर 1824 की वो तारीख भुलाई नहीं जा सकती, जब वीरांगना रानी चेन्नम्मा ने अंग्रेजों के सामने अपने मुट्ठीभर सिपाहियों के साथ ऐसा रणकौशल दिखाया कि अंग्रेज चारों खाने चित्त हो गए।

ब्रिटिश सेना को भारी नुकसान उठाना पड़ा। अंग्रेजों का एजेंट सेंट जॉन मारा गया। सर वॉल्टर एलियट और स्टीवेंसन बंधक बना लिए गए। हालात ऐसे बने कि अंग्रेज घुटनों पर आए और युद्धविराम का ऐलान कर दिया। रानी वीर थीं। उन्होंने युद्ध के नियमों का पालन किया और बंधक अधिकारियों को छोड़ दिया। मगर कुटिल अंग्रेजों ने उनकी पीठ में छुरा भोंका और कुछ ही दिन बाद और ज्यादा सिपाहियों के साथ हमला बोल दिया। रानी इस हमले के लिए तैयार नहीं थीं। उन्होंने मुकाबला तो किया, लेकिन इस बार अंग्रेज भारी पड़े और रानी चेन्नम्मा को कैद कर बेलहोंगल किले में कैद कर दिया गया। और वह इसी किले में वीरगति को प्राप्त हुईं।

झांसी की रानी लक्ष्मीबाई और चेन्नम्मा की कहानी भी लगभग एक जैसी ही है। चेन्नम्मा भी लक्ष्मीबाई की तरह घुड़सवारी, अस्त-शस्त्र चलाने में निपुण थीं। उन्हें संस्कृत, कन्नड़, मराठी और उर्दू भी आती थी। उनका जन्म 23 अक्टूबर, 1778 को कर्नाटक के बेलगामी के एक छोटे से गांव ककाली में हुआ था। इनके पिता का नाम धूलप्पा और मां का नाम पद्मावती था।

बेलगावी में एक कित्तूर नाम का छोटा सा कस्बा था। एक बार यहां नरभक्षी बाघ का आतंक फैला। यह वो दौर था जब राजा मल्लासारजा कित्तूर में राज करते थे। वह खुद बाघ को मारने अकेले निकल पड़े। राजा ने उस पर बाण चलाया तो वह घायल होकर गिर गया, जब वह पास पहुंचे तो देखा उस बाघ के दो तीर लगे हैं। इसके बाद उन्होंने आसपास देखा तो सैनिक की तरह सजी रानी चेन्नम्मा खड़ी थीं। आगे चलकर राजा ने रानी चेन्नम्मा से ही विवाह किया। रानी लक्ष्मीबाई की तरह ही उनकी किस्मत भी निकली और राजा मल्लासारजा की अचानक मौत हो गई। कुछ माह बाद उनके बेटे की भी मौत हो गई और उन्होंने शिवलिंग्गपा नाम के एक बालक को गोद लिया।

रानी चेन्नम्मा ने शिवलिंग्गपा को गद्दी का वारिस घोषित कर दिया। ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी ने इसे स्वीकार नहीं किया और हड़प नीति लागू कर शिवलिंगप्पा को राज्य से बाहर भेजने का आदेश दिया। रानी ने इस आदेश को नहीं माना और अंग्रेजों से आग्रह किया कि वे हड़प नीति लागू न करे। मगर अंग्रेज कहां मानने वाले थे। उनकी नजर तो कित्तूर के खजाने पर थी जो उस वक्त ही तकरीबन 15 लाख रुपये का था। इसके बाद अंग्रेजों ने युद्ध की योजना बनाई और कित्तूर पर धावा बोला। रानी चिन्नम्मा ने अंग्रेजों को धूल चटा दी। कर्नाटक में आज भी उनका नाम बड़ी इज्जत के साथ लिया जाता है। देश के लिए रानी चेन्नम्मा के योगदान को याद करते हुए 1977 में भारत सरकार ने उनका डाक टिकट जारी किया।

महत्वपूर्ण घटनाचक्र

1613ः माइकल रोमारोव रूस के जार बने। इसी के साथ रूस में रोमानोव वंश का शासन शुरू।

1795ः डचों ने सीलोन (श्रीलंका) अंग्रेजों को सौंपा।

1842ः अमेरिका में सिलाई मशीन का पेटेंट।

1848ः कार्ल मार्क्स और फ्रेडरिक एंजेल्स ने कम्युनिस्ट पार्टी का घोषणा पत्र प्रकाशित किया।

1914ः बर्दुन का युद्ध प्रारम्भ।

1916ः प्रथम विश्व युद्ध में फ़्रांस में बर्डन की लड़ाई भड़की।

1919ः बावारेवा के प्रधानमंत्री कुर्तरिजनर की म्यूनिख में हत्या।

1919ः बार्सिलोना में क्रांति।

1925ः न्यूयॉर्कर मैगजीन का प्रथम संस्करण छपा।

1946ः मिस्र में ब्रिटेन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन।

1948ः स्वतंत्र भारत के संविधान का प्रारूप संविधान सभा के अध्यक्ष के समक्ष रखा गया।

1952ः ढाका (उस समय पूर्वी पाकिस्तान) में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर तब गोलियां चलाईं जब वे बांग्ला को आधिकारिक भाषा का दर्जा देने की मांग कर रहे थे। बाद में इसे आधिकारिक दर्जा दिया गया। बांग्लादेश में इसके बाद से यह दिन भाषा आंदोलन की स्मृति के रूप में मनाया जाने लगा। यूनेस्को ने इसे बाद में अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस घोषित किया।

1959ः प्रेस क्लब ऑफ इंडिया की नई दिल्ली में स्थापना।

1963ः सोवियत संघ ने अमेरिका को चेतावनी दी कि क्यूबा पर हमला विश्वयुद्ध में बदल सकता है।

1973ः सिनाई रेगिस्तान में इजरायली लड़ाकू विमान ने अरब एयरलाइंस के विमान-114 को मार गिराया। इसमें सवार 108 लोगों की मौत।

1981ः नासा ने सेटेलाइट कोमस्टर-4 का प्रक्षेपण किया।

1986ः दक्षिण अफ्रीका सरकार ने जोहान्सबर्ग और डरबन अश्वेतों के लिए खोल दिए।

1992ः चीन से शंघाई शेयर बाजार में विदेशियों को कामकाज की अनुमति दी।

1996ः अंतरिक्ष से भेजे गए चित्रों की सहायता से 'ब्लेक होल' के अस्तित्व का पता चला।

1998ः संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने इराक को 5.2 अरब डालर का तेल बेचने की अनुमति दी।

1999ः भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच लाहौर घोषणा पर समझौता।

2000ः भारतीय मूल के 52 वर्षीय उज्जल दोसांझ कनाडा में ब्रिटिश कोलंबिया प्रान्त के मुख्यमंत्री (प्रीमियर) बने।

2001ः सहस्रशताब्दी के महाकुंभ का समापन।

2004ः लॉन टेनिस में सानिया मिर्जा डब्ल्यूटीए खिताब जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बनी।

2008ः पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता आसिफ अली जरदारी और मुस्लिम लीग (एन) के नेता पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने हाथ मिलाया।

2010ः सऊदी अरब सरकार ने महिलाओं को वकालत करने की अनुमति देने संबंधी कानून लाने का फैसला किया।

2013ः भारत के हैदराबाद में सिलसिलेवार बम धमाके।17 लोगाें की मौत। 119 घायल।

जन्म

1829ः उर्दू के प्रसिद्ध साहित्यकार अमीर मीनाई।

1894ः भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक शान्ति स्वरूप भटनागर।

1896ः भारत के ख्यातिलब्ध और सम्मानित कवि सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला।

1923ः गोवा मुक्ति संग्राम के प्रमुख नेता विश्वनाथ नारायण लवांडे।

निधन

1829ः कर्नाटक की वीरांगना और स्वतंत्रता सेनानी रानी चेन्नम्मा।

1970ः मध्य प्रदेश के पूर्व राज्यपाल हरि विनायक पाटस्कर।

1990ः हिन्दी सिनेमा की पार्श्वगायिका जोहराबाई अम्बालेवाली।

1991ः हिंदी सिनेमा सशक्त अभिनेत्री नूतन।

1996ः मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश चंद्र सेठी।

1998ः हिंदी सिनेमा के सशक्त चरित्र अभिनेता ओम प्रकाश।

दिवस

-रानी चेन्नम्मा की पुण्यतिथि

-अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस

हिन्दुस्थान समाचार/मुकुंद

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