इतिहास के पन्नों में 18 दिसंबरः सोवियत संघ का क्रूर तानाशाह स्टालिन, जिसने भी विरोध किया, उसे मरवा दिया
देश-दुनिया के इतिहास में 18 दिसंबर की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। इसी तारीख को सन् 1878 में सोवियत संघ के तानाशाह शासक जोसेफ स्टालिन का जन्म हुआ था। कुछ लोग कहते हैं तारीख तो यही है पर सन् 1979 है। बहरहाल अधिकांश जगह उनका जन्म वर्ष 1878 ही दर्ज है। जोसेफ स्टालिन ऐसा तानाशाह है जिसकी शुरुआत तो इंकलाबी नेता के तौर पर हुई, बाद में कई लोग उसे सनकी तानाशाह मानने लगे। उसकी मौत पर तमाम लोगों ने जश्न भी मनाया था।
बेहद गरीब परिवार में जन्मे स्टालिन का जन्म जॉर्जिया के गोरी में हुआ था। बचपन में लोग उन्हें जोसेफ विसारियोनोविच जुगाशविली कहते थे। इस दौर में जार बादशाह जॉर्जिया का शासक हुआ करता था। पिता जूते सिलने का काम करते थे और मां घरों में कपड़े धोने का काम करती थीं। मार्क्स की किताबें पढ़ने वाले स्टालिन को उनकी मां पादरी बनाना चाहती थीं। उन्होंने उसे 1895 में पादरी बनने की पढ़ाई करने के लिए जॉर्जिया की राजधानी तिब्लिस भेजा।
यहां स्टालिन एक समाजवादी संगठन से जुड़ा। इस वजह से 1899 में उन्हें धार्मिक स्कूल से बाहर कर दिया गया। तिब्लिस के मौसम विज्ञान विभाग के कर्मचारी रहे स्टालिन रूसी साम्राज्य के खिलाफ लगातार बगावती तेवर अपनाए रहे और विरोध करते रहे। स्टालिन की हरकतों का जॉर्जिया की पुलिस को पता चला तो वह भूमिगत हो गया। कुछ वक्त बाद बोल्शेविक पार्टी ज्वॉइन कर ली। 1905 में पहली बार उन्होंने गुरिल्ला युद्ध में हिस्सा लिया। 1906 में शादी की, लेकिन एक साल बाद ही उनकी पत्नी की मौत हो गई। 1907 में वह पूरी तरह रूसी क्रांति में शामिल हो गए। 1917 में कम्युनिस्ट क्रांति कामयाब हुई और लेनिन का शासन शुरू हुआ।
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इस क्रांति में अहम भूमिका निभाने वाले स्टालिन को कम्युनिस्ट पार्टी का महासचिव बनाया गया। 1924 में लेनिन की मौत के बाद स्टालिन ने खुद को उनका वारिस घोषित किया। और इस तरह 1920 के आखिरी दशक तक वह सोवियत संघ का तानाशाह बन गया। स्टालिन के आतंक की बात इस तरह समझी जा सकती है कि उसके तानाशाही रवैये का जिसने भी विरोध किया, उसे उसने मरवा दिया। उसने पार्टी के सेंट्रल कमेटी के 93 सदस्य, सेना के 103 जनरल और 81 एडमिरल को मरवा दिया था।
महत्वपूर्ण घटनाचक्र
1271ः मंगोल शासक कुबलई खान ने अपने साम्राज्य का नाम युआन रखा। यहीं से मंगोलिया और चीन में युआन वंश की शुरुआत हुई।
1398ः तैमूर ने सुल्तान नुसरत शाह को हराकर दिल्ली पर कब्जा किया।
1787ः अमेरिकी संविधान को स्वीकार करने वाला न्यूजर्सी तीसरा राज्य बना।
1833ः रूस के राष्ट्रीय गान ‘गॉड सेव द जार’ को पहली बार गाया गया।
1878ः अल-थानी परिवार कतर पर शासन करने वाला पहला परिवार बना।
1960ः नई दिल्ली में राष्ट्रीय संग्रहालय का शुभारंभ।
1973ः इस्लामिक डेवलपमेंट बैंक की स्थापना।
1989ः सचिन ने अपना पहला एकदिवसीय क्रिकेट मैच पाकिस्तान के खिलाफ खेला।
1995ः अज्ञात विमान ने पश्चिम बंगाल के पुरुलिया में हथियारों का जखीरा गिराया।
1997ः भारत और अमेरिका के मध्य अंतरिक्ष अनुसंधान में सहयोग के लिए वाशिंगटन संधि।
1999ः श्रीलंका की तत्कालीन राष्ट्रपति चंद्रिका कुमार तुंग पर जानलेवा हमला। 25 लोगों की मृत्यु। 100 घायल।
2002ः हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय न्यायालय ने सिपिदान और लिगितान द्वीपों पर नियंत्रण के मामले में मलेशिया के अधिकार की पुष्टि की।
2005ः भूटान नरेश जिग्मे सिंग्मे वांगचुक ने 2008 में गद्दी छोड़ने घोषणा की।
2005ः कनाडा में गृहयुद्ध शुरू।
2006ः मलेशिया में बाढ़ से कम से कम 118 लोगों की मौत।
2006ः संयुक्त अरब अमीरात में पहली बार चुनाव।
2007ः जापान ने इंटरसेप्टर मिसाइल का परीक्षण किया।
2008ः ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का सफल परीक्षण।
2015ः ब्रिटेन की कोयला खादान केलिंगले केलियरी को बंद किया गया।
2017ः राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप में भारत ने जीते 30 में से 29 स्वर्ण।
जन्म
1756ः छत्तीसगढ़ की संत परंपरा के सर्वोपरि गुरु घासीदास।
1887ः भोजपुरी के समर्थ लोक कलाकार भिखारी ठाकुर।
1909ः भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस नेता वी. वेंकटसुब्बा रेड्डीयर।
1924ः भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश।
1987ः भारतीय राजनीतिज्ञ राम मोहन नायडू किंजरापु।
निधन
1971ः प्रसिद्ध निबंधकार पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी।
1980ः सोवियत संघ के प्रधानमंत्री एलेक्सी कोजीगिन।
2000ः फ्रांसके जाने-माने अभिनेता करार्ड ब्लेन।
2001ः भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश अमल कुमार सरकार।
2004ः भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी विजय हजारे।
2007ः भारत के प्रसिद्ध मूर्तिकार सदानंद बकरे।
2011ः भारत के चर्चित जनवादी कवि अदम गोंडवी।
दिवस
-अंतरराष्ट्रीय अल्पसंख्यक अधिकार दिवस
-अंतरराष्ट्रीय प्रवासी दिवस
हिन्दुस्थान समाचार/मुकुंद
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