इतिहास के पन्नों में 13 सितंबरः कर दो चढ़ाई, हैदराबाद हमारा है

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इतिहास के पन्नों में 13 सितंबरः कर दो चढ़ाई, हैदराबाद हमारा है


देश-दुनिया के इतिहास में 13 सितंबर की तारीख तमाम अहम वजह से दर्ज है। इस तारीख का महत्व भारतीय रियासतों के लिहाज से खास है। यह इतिहास का कड़वा सच है कि 1947 में भारत को आजादी के साथ-साथ कई समस्याएं भी मिलीं। इनमें से एक बड़ी समस्या रियासतों के विलय की थी। ज्यादातर रियासतें भारत में आसानी से शामिल हो गईं, लेकिन कुछ रियासतें ऐसी थीं जो आजादी की घोषणा कर चुकी थीं। इनमें से एक रियासत थी कश्मीर और दूसरी हैदराबाद।

इन रियासतों को भारत में शामिल कराने की जिम्मेदारी मिली थी सरदार पटेल को। कश्मीर के राजा हरी सिंह ने अपनी रियासत जम्मू-कश्मीर को स्वतंत्र रखने का फैसला लिया। हरी सिंह का मानना था कि कश्मीर यदि पाकिस्तान में मिलता है तो जम्मू की हिन्दू जनता के साथ अन्याय होगा और अगर भारत में मिलता है तो मुस्लिम जनता के साथ अन्याय होगा।

भारत की आजादी से दो महीने पहले तक लॉर्ड माउंटबेटन ने कश्मीर के राजा महाराजा हरी सिंह से कहा था कि यदि वे पाकिस्तान के साथ जाने का फैसला करते हैं, तो भारत कोई दखल नहीं देगा। ये बात लॉर्ड माउंटबेटन के राजनीतिक सलाहकार रहे वीपी मेनन की किताब 'इंटिग्रेशन ऑफ द इंडिया स्टेट्स' में दर्ज है।

हालांकि सरदार पटेल हैदराबाद के बदले पाकिस्तान को कश्मीर देने के लिए राजी थे। 13 सितंबर, 1947 की सुबह पटेल ने रक्षा मंत्री बलदेव सिंह को चिट्ठी लिखी कि कश्मीर चाहे तो पाकिस्तान में शामिल हो सकता है। इसी दिन पटेल को जब पता चला कि पाकिस्तान ने जूनागढ़ के विलय का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है, तो वे भड़क गए।

उनका कहना था कि यदि पाकिस्तान, हिंदू बहुल आबादी वाले मुस्लिम शासक के जूनागढ़ को अपना हिस्सा बना सकता है तो भारत, मुस्लिम बहुल आबादी वाले हिंदू शासक के कश्मीर को क्यों नहीं ले सकता? उस दिन से कश्मीर पटेल की प्राथमिकता बन गया था। आजादी के बाद हैदराबाद के नवाब मीर उस्मान अली ने अपनी रियासत को आजाद रखने का फैसला लिया। वो चाहता था कि हैदराबाद का संबंध सिर्फ ब्रिटिश सम्राट से ही रहे। हैदराबाद कांग्रेस चाह रही थी कि हैदराबाद का विलय भारत में हो, लेकिन दूसरी तरफ इत्तेहादुल मुस्लिमीन नाम का संगठन निजाम का समर्थन कर रहा था। पटेल ने 13 सितंबर, 1948 को भारतीय सेना को हैदराबाद पर चढ़ाई करने का आदेश दे दिया। इसे ऑपरेशन पोलो कहा गया। तीन दिनों के भीतर ही भारतीय सेना ने हैदराबाद पर कब्जा कर लिया। इस ऑपरेशन में 42 भारतीय सैनिक शहीद हुए और दो हजार रजाकार मारे गए। हालांकि, अलग-अलग लोग इस आंकड़े को काफी ज्यादा बताते हैं। 17 सितंबर 1948 को निजाम ने हैदराबाद के भारत में विलय की घोषणा की।

महत्वपूर्ण घटनाचक्र

1791ः फ्रांस के राजा लुई 14वें ने नया संविधान अंगीकार किया।

1882ः एंग्लो-मिस्र युद्ध तेल अल केबिर में लड़ा गया।

1914ः प्रथम विश्व युद्ध के दौरान जर्मनी और फ्रांस के बीच एस्ने की लड़ाई शुरू।

1922: लीबिया के एल अजिजिया में धरती पर उच्चतम तापमान दर्ज किया गया। उस समय छाया में नापा गया तापमान 58 डिग्री सेल्सियस था।

1923: स्पेन में सैन्य तख्ता पलट। मिगेल डे प्रिमो रिवेरा ने सत्ता संभाली और तानाशाह सरकार की स्थापना की। ट्रेड यूनियनों को 10 साल के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया।

1933: एलिजाबेथ मेकॉम्ब्स न्यूजीलैंड की संसद में पहुंचने वाली पहली महिला बनीं। उन्होंने लिटिलटन से चुनाव जीता। इससे पहले ये सीट उनके पति के पास थी।

1947: भारतीय प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 40 लाख हिंदुओं और मुसलमानों के पारस्परिक स्थानांतरण का सुझाव दिया।

1948ः भारत के तत्कालीन उप प्रधानमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने सेना को हैदराबाद में घुसकर कार्रवाई करने और उसे भारतीय संघ के साथ एकीकृत करने का आदेश दिया।

2000: भारत के विश्वनाथन आनंद ने शेनयांन में पहला फिडे शतरंज विश्व कप जीता।

2002: इजराइल ने फिलिस्तीन अधिकृत गाजा पट्टी पर हमला किया।

2007: नासा के वैज्ञानिकों ने बृहस्पति से तीन गुना बड़े ग्रह का पता लगाया।

2008: दिल्ली में तीन स्थानों पर 30 मिनट के अंतराल में चार बम विस्फोट हुए। इनमें 19 लोगों की मौत हुई और 90 से अधिक घायल हुए।

2009: चन्द्रमा पर बर्फ खोजने का इसरो-नासा का अभियान विफल।

2009ः लोकसभा में एंग्लो इंडियन समुदाय के प्रतिनिधि के रूप में कोच्चि के चार्ल्स डायस को मनोनीत किया गया।

2013: तालिबान आतंकवादियों ने अफगानिस्तान के हेरात में अमेरिका के वाणिज्य दूतावास पर हमला किया।

जन्म

1845ः भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के तत्कालीन अध्यक्ष हैनरी कॉटन ।

1912ः अमेरिकी अभिनेत्री रेटा शॉ।

1946ः परमवीर चक्र सम्मानित भारतीय सैनिक मेजर रामास्वामी परमेश्वरन।

1960ः आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन. किरण कुमार रेड्डी।

1969ः ऑस्ट्रेलिया के ख्याति प्राप्त क्रिकेट खिलाड़ी शेन वॉर्न।

निधन

1944ः टीपू सुल्तान की वंशज और दूसरे विश्वयुद्ध के समय ब्रिटेन की गुप्तचर नूर इनायत खान।

2012ः भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश रंगनाथ मिश्र।

2020ः बिहार की राजनीति में खासा प्रभाव रखने वाले रघुवंश प्रसाद सिंह।

2021ः पूर्व भारतीय खिलाड़ी और मोहन बागान के दिग्गज फुटबॉलर भबानी रॉय।

दिवस

विश्व भाईचारा एवं क्षमादान दिवस

हिन्दुस्थान समाचार/मुकुंद

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