चारधाम यात्रा में अब तक 11 तीर्थयात्रियों की मौत, रजिस्ट्रेशन तिथि से पहले यात्रा करने पर वाहनों का परमिट होगा सस्पेंड

चारधाम यात्रा में अब तक 11 तीर्थयात्रियों की मौत, रजिस्ट्रेशन तिथि से पहले यात्रा करने पर वाहनों का परमिट होगा सस्पेंड
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चारधाम यात्रा में अब तक 11 तीर्थयात्रियों की मौत, रजिस्ट्रेशन तिथि से पहले यात्रा करने पर वाहनों का परमिट होगा सस्पेंड


- सुगम व सुरक्षित यात्रा के लिए मुख्यमंत्री धामी लगातार कर रहे मॉनिटरिंग

- अचानक श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या सरकार के लिए बनी बड़ी चुनौती

देहरादून, 15 मई (हि.स.)। उत्तराखंड की विश्व प्रसिद्ध चारधाम यात्रा पर रिकॉर्ड श्रद्धालु आ रहे हैं। चारों धामों में काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। इससे सरकार एक तरफ उत्साहित तो है, लेकिन वह इसको लेकर चिंतित भी दिखाई दे रही है। क्योंकि अत्यधिक श्रद्धालुओं के आने से व्यवस्थाएं चरमराती नजर आ रही हैं। चारधाम यात्रा पर बढ़ती श्रद्धालुओं की संख्या को देखते हुए मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक के दौरान तमाम महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा की गई है।

बैठक में निर्णय लिया गया कि जिन यात्रियों को यात्रा के लिए जो तिथि निर्धारित की गई है, वो अगर रजिस्ट्रेशन तिथि से पहले यात्रा करता है तो संबंधित वाहनों का परमिट सस्पेंड कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा चारधाम यात्रा में मरने वाली की संख्या भी बढ़ रही है। अब तक कुल 11 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने बुधवार को सचिवालय स्थित मीडिया सेंटर में प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि चारधाम की एक कैपेसिटी है। खासकर यमुनोत्री और केदारनाथ धाम में यात्रियों की कैपेसिटी सीमित है। यमुनोत्री धाम का पांच किलोमीटर का जो ट्रैक है, वो काफी संकरा है। इसके चलते सीमित संख्या में ही यात्री जा सकते हैं।

पिछले साल जब यमुनोत्री धाम के कपाट खुले थे, उस दौरान पहले दिन 6,838 यात्रियों ने दर्शन किया था। इस बार यमुनोत्री धाम में पहले दिन 12,193 यात्रियों ने दर्शन किया। इसी तरह केदारनाथ धाम में पिछले साल कपाट खुलने के पहले दिन 18,335 यात्रियों ने दर्शन किया था, लेकिन इस बार कपाट खुलने के दौरान करीब 29 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन किए यानी पिछले साल की तुलना में पहले दिन ही दोगुने यात्रियों ने दर्शन किए। पिछले साल की तुलना में इस बार करीब 75 फीसदी ज्यादा श्रद्धालु धामों में दर्शन करने पहुंच रहे हैं, जो उत्तराखंड सरकार के लिए सौभाग्य की बात है, लेकिन श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती भी बनी हुई है।

गढ़वाल आयुक्त ने बताया कि यमुनोत्री धाम के लिए बुधवार की सुबह जानकी चट्टी से करीब 15,000 श्रद्धालुओं ने दर्शन के लिए प्रस्थान किया था। इसमें से सुबह 10 बजे तक 4,000 श्रद्धालु दर्शन भी कर चुके हैं। इसी तरह सुबह 10 बजे तक गंगोत्री धाम में 3,902 श्रद्धालु, केदारनाथ धाम में 8,194 और बदरीनाथ धाम में 4,518 श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। ऐसे में जब इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालु गंगोत्री धाम जाने लगे तो कुछ यात्रियों को होल्ड किया गया। इन यात्रियों को उत्तरकाशी में बनाए गए होल्डिंग सेंटर में करीब दो से चार घंटे के लिए रोका गया। उन्होंने कहा कि उत्तरकाशी में जहां श्रद्धालुओं को रोका जा रहा है, उन जगहों पर टॉयलेट्स बढ़ाने के भी निर्देश दिए गए हैं।

उम्मीद की जा रही है कि आज शाम तक या फिर कल सुबह तक स्थिति सामान्य हो जाएगी। श्रद्धालुओं की अत्यधिक संख्या होने के चलते उन्हें होल्ड पर रखा जा रहा है। शुरुआती दौर में 8 से 10 घंटे तक श्रद्धालुओं को खोल रखा गया था, लेकिन वर्तमान समय में दो से चार घंटा तक श्रद्धालुओं को होल्ड पर रखा जा रहा है। गढ़वाल आयुक्त ने बताया कि सरकार के लिए सबसे महत्वपूर्ण श्रद्धालुओं की सुरक्षा है। इसके चलते सरकार की जिम्मेदारी है कि सभी यात्रियों को दर्शन करा सुरक्षित वापस लौटाया जाए। हालांकि जिन श्रद्धालुओं को होल्ड पर रखा जा रहा है, उनको तमाम सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही है।

ये है अचानक श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ने का कारण-

श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ होने की कई वजह सामने निकलकर आई हैं। इसमें मुख्य रूप से जब ऑफलाइन प्रक्रिया शुरू हुई, उस दौरान जिन श्रद्धालुओं को 10 दिन या 15 दिन बाद की डेट दी गई थी वो श्रद्धालु भी रजिस्ट्रेशन के बाद ही धामों में दर्शन करने के लिए रवाना हो गए। ऐसे में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन वाले यात्रियों के साथ ही ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन वाले यात्री की एक साथ दर्शन करने पहुंच गए। इसके चलते धामों में श्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ उमड़ पड़ी। इसके अलावा स्थानीय श्रद्धालुओं की संख्या ने भी संख्या को और ज्यादा बढ़ा दिया। इस पर लगाम लगाए जाने को लेकर आरटीओ, एसडीएम और पुलिस को इस बाबत निर्देश दिए गए हैं कि वो रेंडम बेसिस पर इसकी भी चेकिंग करें कि जिन यात्रियों को यात्रा तिथि आगे की दी गई है, वो अभी यात्रा न करें।

रजिस्ट्रेशन तिथि पर ही आएं वरना कर दिए जाएंगे होल्ड, वाहन चालक को चालाकी पड़ेगी भारी-

उन्होंने कहा कि अगर ऐसे यात्री यात्रा पर जाते हैं तो उन यात्रियों को होल्ड किया जाएगा। साथ ही जिस टूर ऑपरेटर के जरिए यात्रा पर गए हैं, संबंधित टूर ऑपरेटर का न सिर्फ परमिट सस्पेंड किया जाएगा बल्कि परमानेंट बेसिस पर डिसेबल कर दिया जाएगा। ऐसे में फिर वो चार धामयात्रा में अपनी गाड़ी का संचालन नहीं कर सकेगा।

बिना रजिस्ट्रेशन यात्रा पर न निकलें श्रद्धालु-

गढ़वाल आयुक्त ने कहा कि मुख्य सचिव राधा रतूड़ी अन्य राज्यों के मुख्य सचिवों और डीजीपी को पत्र भेजने जा रही हैं। इसमें संबंधित राज्यों से जो भी यात्री चारधाम की यात्रा पर आ रहे हैं, उनसे संबंधित एडवाइजरी अन्य राज्यों के जिलाधिकारी के माध्यम से जारी किए जाएं, ताकि यात्री बिना रजिस्ट्रेशन के यात्रा पर ना निकलें। विनय शंकर पांडेय ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि चारधाम यात्रा अभी बहुत लंबी है। ऐसे में तत्काल यात्रा के लिए न निकलें बल्कि आराम से चारधाम यात्रा पर आएं, ताकि सुगम तरीके से यात्रा कर सकें। चारधाम यात्रा के सभी जिलाधिकारी और यात्रा मार्गों के जिलाधिकारी को इस बाबत भी निर्देश दिए गए हैं कि अपने-अपने जिलों में होल्डिंग पॉइंट्स को चिन्हित किया जाए, जहां ज्यादा से ज्यादा संख्या में यात्रियों और उनके वाहनों को रोका जा सके। इसका भी विशेष ध्यान दें कि बेसिक जरूरत की सुविधा वहां उपलब्ध हो।

उत्तरकाशी में कैंप लगाकर मॉनिटरिंग करेंगे मुख्यमंत्री सचिव-

उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा पर आ रहे श्रद्धालुओं को अगर होल्डिंग में रखा जाता है तो उन्हें मैसेज के जरिए इसकी सूचना दी जाएगी। इसके अलावा सचिव मुख्यमंत्री आर मीनाक्षी सुंदरम को उत्तरकाशी जिले की जिम्मेदारी सौंपी गई है। लिहाजा, मीनाक्षी सुंदरम उत्तरकाशी जिले में कैंप पर लगाकर व्यवस्थाओं की मॉनिटरिंग करेंगे।

हेल्थ स्क्रीनिंग बगैर न करें चारधाम यात्रा-

आयुक्त ने बताया कि चारधाम यात्रा के दौरान अब तक 11 श्रद्धालुओं की मौत की सूचना मिली है। जब यात्रियों का रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है तो उनसे अपनी हेल्थ स्क्रीनिंग करवाने को कहा जा रहा है। इसके लिए हेल्थ स्क्रीनिंग पॉइंट्स बनाए गए हैं, लेकिन कई बार जब कोई यात्री फिट नहीं पाया जाता है तो उसे यात्रा न करने का सुझाव दिया जाता है। कुछ यात्री फिजिकली फिट न होने के बावजूद भी यात्रा पर आते हैं। जो फिजिकली फिट नहीं होते हैं, ऐसे यात्री जब अपनी मर्जी से यात्रा पर आते हैं तो उनसे एक फॉर्म भरा जाता है कि वो डॉक्टर के मना करने के बावजूद अपनी मर्जी से चारधाम यात्रा पर जा रहे हैं। ऐसे में चारधाम यात्रा पर आने वाले श्रद्धालु डॉक्टर की सलाह को जरूर मानें।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण/रामानुज

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