(लीड) आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने राज्यपाल को सौंपा त्यागपत्र

(लीड) आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने राज्यपाल को सौंपा त्यागपत्र
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(लीड) आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने राज्यपाल को सौंपा त्यागपत्र


अमरावती, 4 जून (हि.स.)। आंध्र प्रदेश विधान सभा चुनाव के नतीजों में अबकी बार अप्रत्याशित बदलाव हुआ है। एनडीए गठबंधन को बड़ी संख्या में सीटें मिलीं। पिछले चुनाव में 151 सीटें जीतने वाली वाईएसआरसीपी इस समय सत्ता से बेदखल हो गई और मात्र दस विधानसभा सीटों पर सिमट कर रह गई। नतीजतन, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन ने मंगलवार की शाम मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राज्यपाल को अपने कार्यालय से त्यागपत्र भेज दिया। समाचार लिखे जाने तक आंध्र प्रदेश विधान सभा चुनाव के घोषित परिणाम के मुताबिक तेलुगु देशम 136, वाईएसआरसीपी 10, जन सेना 21 और बीजेपी 8 सीट पर विजयी हुई है।

मुख्यमंत्री जगन मोहन रेड्डी ने अपने त्यागपत्र सौंपे जाने के पश्चात मीडिया से बातचीत की। जगन ने कहा कि चुनाव नतीजे लगभग सामने आ चुके हैं। परिस्थितियों को देखते हुए परिणाम वास्तव में आश्चर्यजनक हैं। मुझे ऐसा होने की उम्मीद नहीं थी। हमने अपने राज्य के जनता की भलाई और शिक्षा क्षेत्र में राज्य के छात्र और उनकी पढ़ाई के लिए प्रयास करके उन 53 लाख माताओं का कल्याणकारी योजनाओं से भला किया है, जिन्होंने अम्मा ओडी प्राप्त की है।

जगन ने कहा कि मुझे नहीं पता कि उन बहनों के वोटों का क्या हुआ। हमने 66 लाख दादा-दादी, विधवाओं और विकलांग लोगों (वृद्धावस्था पेंशन के अन्तर्गत ) की इतनी मदद की है, जितनी पहले कभी किसी ने नहीं की। उनकी मुश्किलों में उनका साथ देना, उनकी तकलीफों को समझना और यहां तक कि उन्हें उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था राज्य सरकार ने की थी।

जगन ने आगे कहा कि यह एनडीए बड़े लोगों का गठबंधन है। यही गठबंधन दिल्ली में भी शासन कर रहा है। इस गठबंधन में भाजपा, चंद्रबाबू और पवन कल्याण को उनकी बड़ी सफलता के लिए बधाई। मैं आप सभी को, हर नेता को, हर कार्यकर्ता को, हर स्वयंसेवक को, जो मेरी मुश्किलों में भी मेरे साथ खड़े रहे, और मेरे बहनों-भाइयों को, जो हर घर से स्टार प्रचारक के रूप में मेरे साथ खड़े रहे, हृदय से बहुत-बहुत धन्यवाद देता हूं। मुझे नहीं पता कि क्या हुआ, विपक्ष तेलुगु देशम जनसेना भाजपा मेरे पार्टी की 40 प्रतिशत वोट बैंक को कम नहीं कर सके। हम यहां से दोबारा जरूर उबरेंगे। यहां से हम साहस के साथ खड़े होंगे और फिर से उठ खड़े होंगे।

उन्होंने कहा, हमें विपक्ष में रहना कोई नई बात नहीं है। संघर्ष कोई नई बात नहीं है। इन पांच वर्षों को छोड़कर मैंने अपना सारा राजनीतिक जीवन विपक्ष में बिताया है। मैंने ऐसी कठिनाइयों का अनुभव किया है जो राजनीतिक जीवन में किसी ने नहीं देखीं। अब हम किसी भी कठिनाई के लिए तैयार हैं। आइए इसका सामना करने के लिए तैयार रहें। सरकार में आने वालों को सत्ता प्राप्त कर शासन करने के लिए बहुत-बहुत शुभकामनाएं। धन्यवाद।

हिन्दुस्थान समाचार/ नागराज/दधिबल

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