तमिलनाडुः स्टालिन सरकार के खिलाफ आंदोलनकारी नर्सें अड़ीं, हिरासत में ली गई नर्सें कुछ घंटे बाद छोड़ी गई, प्रदर्शन जारी
चेन्नई, 19 दिसंबर (हि.स.)। राज्य की डीएमके सरकार से चुनावी वायदों को पूरा करने की मांग करते हुए राजधानी चेन्नई के कलम्पक्कम बस स्टेशन पर प्रदर्शन कर रही नर्सों को पुलिस ने हिरासत में लिया और बाद में सभी को छोड़ दिया। इसके बावजूद नर्सों ने शुक्रवार को अपना आंदोलन जारी रखने का फैसला करते हुए कहा है कि मांगें पूरी होने तक यह जारी रहेगा।
तमिलनाडु दादियार विकास संघ की ओर से अपनी मांगों को लेकर एक दिन पहले 18 दिसंबर को चेन्नई की शिवानंद रोड पर उपवास सत्याग्रह शुरू किया गया था। इसमें बड़ी संख्या में नर्सों ने हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारी नर्सों की मांग है कि नर्स सुपरिंटेंडेंट स्तर 3 की पदों को पुनः सृजित करना चाहिए, कोरोना अवधि में काम करने वाली सभी नर्सों को फिर से नियुक्त करना चाहिए। साथ ही डिग्री और स्नातकोत्तर अध्ययन पूरा करने वाली नर्सों के वेतन वृद्धि सहित अन्य मांगें सरकार के समक्ष रखी गई हैं।
पूरे मामले को सुलझाने के लिए गुरुवार को स्वास्थ्य और सार्वजनिक कल्याण विभाग के सचिव सेंथिल कुमार ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की। हालांकि, बातचीत किसी नतीजे तक नहीं पहुंची। जिसके बाद प्रदर्शनकारी नर्सों ने विरोध जारी रखा।
विरोध करने की अनुमति का समय शाम 7 बजे समाप्त होने बाद पुलिस ने प्रदर्शनस्थल से उन्हें हटने को कहा। प्रदर्शनकारियों के मना करने पर उन्हें जबरन भेजने का प्रयास किया गया। पुलिस ने विरोध में शामिल नर्सों को बस में बिठाकर क्लम्पक्कम बस स्टैंड पर उतारा। लेकिन नर्सों ने क्लंपक्कम बस स्टैंड पर ही बैठकर दोबारा धरना शुरू कर दिया। उन्होंने आधी रात से सुबह तक धरना जारी रखा। प्रदर्शनकारी नर्सों का कहना है कि मांगें पूरी होने तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
कुछ नर्सें अभी भी चेन्नई की शिवानंद रोड पर उपवास सत्याग्रह के तहत पुनः प्रदर्शन कर रही हैं।
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हिन्दुस्थान समाचार / Dr. Vara Prasada Rao PV

