आईसीएबीएसबी-2025 जैव प्रौद्योगिकी में वैज्ञानिक संवाद का एक असाधारण मंच : प्रो. कैरल पोस्ट
हरिद्वार, 17 दिसंबर (हि.स.)। आईआईटी रुड़की में जैव प्रौद्योगिकी, जैव-प्रक्रियण व संरचनात्मक जीव विज्ञान में प्रगति पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन आईसीएबीएसबी 2025 बुधवार को संपन्न हो गया।
बायोटेक रिसर्च सोसाइटी ऑफ इंडिया (बीआरएसआई) के सहयोग से आयोजित चार दिवसीय सम्मेलन में लगभग 200 वक्ताओं एवं 40 से अधिक देशों से आए 700 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। सम्मेलन में आईसीएबीएसबी -2025 सार-संग्रह, बीआरएसआई वार्षिक पुस्तिका 2025 तथा टेलर एंड फ्रांसिस के नवीन वैज्ञानिक प्रकाशनों का विमोचन भी किया गया।
बीआरएसआई पुरस्कार समारोह में प्रो. टी. पी. सिंह को विशिष्ट प्रोफेसर पुरस्कार तथा प्रो. प्रविंद्र कुमार को बीएचयू शताब्दी पुरस्कार सहित विभिन्न श्रेणियों में सम्मान प्रदान किए गए। चार दिनों तक चले सम्मेलन में जैव-ईंधन, जैव-प्रक्रियण, संरचनात्मक जीवविज्ञान, औषधि एवं टीका विकास, परिपत्र अर्थव्यवस्था में नवाचार, सतत कृषि तथा अन्य उभरते वैज्ञानिक क्षेत्रों पर उन्नत विषयगत सत्र आयोजित किए गए।
प्रो. के.के. पंत निदेशक, आईआईटी रुड़की ने कहा कि आईसीएबीएसबी -2025 यह दर्शाता है कि भारत किस प्रकार वैश्विक जैव-नवाचार परिदृश्य को आकार दे रहा है। आईआईटी में अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों का यह संगम आत्मनिर्भर भारत, राष्ट्रीय जैव प्रौद्योगिकी विकास रणनीति तथा भारत की 300 अरब अमेरिकी डॉलर की जैव-अर्थव्यवस्था के दृष्टिकोण जैसे राष्ट्रीय अभियानों को आगे बढ़ाने की हमारी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
प्रो. कैरल पोस्ट (पर्ड्यू विश्वविद्यालय, यूएसए) ने कहा कि आईसीएबीएसबी-2025 जैव प्रौद्योगिकी, जैव-प्रक्रियण और संरचनात्मक जीवविज्ञान के संगम पर वैज्ञानिक संवाद को आगे बढ़ाने का एक असाधारण मंच रहा है, जिसने वैश्विक सहयोग की महत्ता को और मजबूत किया है। प्रोफ़ेसर संजय घोष, अध्यक्ष, आईसीएबीएसबी-2025 एवं प्रमुख, बीएसबीई, आईआईटी रूड़की ने कहा, “इस सम्मेलन ने जैव-प्रक्रियण, संरचनात्मक जीवविज्ञान और सतत जैवप्रौद्योगिकी के क्षेत्रों में अंतःविषय सहयोग को सशक्त किया है।
हिन्दुस्थान समाचार / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

