बड़ी संख्या में भारतीयों ने महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट के लिए भाजपा की सत्ता हथियाने की कोशिश को जिम्मेदार ठहराया- सर्वे

बड़ी संख्या में भारतीयों ने महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट के लिए भाजपा की सत्ता हथियाने की कोशिश को जिम्मेदार ठहराया- सर्वेनई दिल्ली, 24 जून (आईएएनएस)। महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ विकास अघाड़ी (एमवीए) के लिए राजनीतिक संकट और गहरा गया है, क्योंकि गुरुवार को शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे का समर्थन बढ़ गया।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक शिवसेना के 45 विधायकों ने शिंदे को अपना समर्थन देने का वादा किया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बुधवार को अपना आधिकारिक आवास खाली कर दिया, जिससे लोग एमवीए सरकार के भविष्य के बारे में अटकलें लगा रहे हैं।

शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने गुरुवार को बागी विधायकों को कहा कि अगर बागी विधायक ऐसा चाहते हैं, तो शिवसेना एमवीए गठबंधन से अलग हो जाएगी।

इस बीच, राकांपा प्रमुख शरद पवार ने आश्वासन दिया कि ठाकरे के अधीन एमवीए सरकार बनी रहेगी और यह पता लगाने का एकमात्र तरीका है कि गठबंधन के पास बहुमत है या नहीं। राज्य में 55 विधायकों वाली शिवसेना, 53 विधायकों वाली राकांपा और 44 विधायकों वाली कांग्रेस पार्टी राज्य सरकार में गठबंधन की सहयोगी है। महाराष्ट्र की विधानसभा में 288 सदस्यों की ताकत है।

सीवोटर इंडियाट्रैकर ने महाराष्ट्र की मौजूदा राजनीतिक स्थिति के बारे में लोगों के विचार जानने के लिए आईएएनएस की ओर से एक देशव्यापी सर्वे किया।

सर्वे के दौरान, उत्तरदाताओं के एक बड़े अनुपात- 40 प्रतिशत ने कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा की सत्ता हथियाने की कोशिश राज्य में राजनीतिक उथल-पुथल का मुख्य कारण है।

वहीं, जहां 25 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट के लिए शिवसेना की अंदरूनी लड़ाई को जिम्मेदार ठहराया, वहीं 18 प्रतिशत मतदाताओं का मानना था कि एमवीए के गठबंधन सहयोगियों के बीच मतभेदों ने राज्य में राजनीतिक संकट पैदा कर दिया है। सर्वे में भाग लेने वालों में से 14 प्रतिशत ने राज्य में उथल-पुथल वाली राजनीतिक स्थिति के लिए अपनी पार्टी पर ठाकरे की कमजोर पकड़ को जिम्मेदार ठहराया।

दिलचस्प बात यह है कि सर्वे के दौरान, विपक्षी मतदाताओं- 53 प्रतिशत और एनडीए समर्थकों- 31 प्रतिशत, दोनों के बड़े अनुपात ने राजनीतिक संकट के लिए सत्ता हथियाने के प्रयास को जिम्मेदार ठहराया, जो वर्तमान में महाराष्ट्र में देखा जा रहा है।

इसी तरह, दोनों ग्रामीण मतदाताओं का सबसे बड़ा अनुपात- 49 प्रतिशत और शहरी मतदाताओं- 34 प्रतिशत ने कहा कि भाजपा की सत्ता पर कब्जा करने की कोशिश महाराष्ट्र के राजनीतिक संकट का मुख्य कारण है।

--आईएएनएस

एचके/एएनएम

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