हिज्बुल्लाह के निरस्त्रीकरण पर सहमति की कोशिश तेज, पेरिस में सऊदी-फ्रांस-अमेरिका की अहम बैठक

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पेरिस/बेरूत, 18 दिसंबर (हि.स.)। लेबनान में हिज्बुल्लाह के निरस्त्रीकरण को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रयास तेज हो गए हैं। फ्रांस, सऊदी अरब और अमेरिका के वरिष्ठ अधिकारियों ने पेरिस में लेबनानी सेना प्रमुख के साथ बैठक कर एक ऐसे रोडमैप को अंतिम रूप देने पर चर्चा की, जिससे हिज्बुल्लाह को हथियारों से मुक्त करने की प्रक्रिया के लिए एक प्रभावी तंत्र तैयार किया जा सके।

यह बैठक ऐसे समय हुई है, जब वर्ष 2024 में अमेरिका की मध्यस्थता से हुए इजराइल-लेबनान संघर्ष विराम के बावजूद हालात बेहद नाज़ुक बने हुए हैं। इस संघर्ष विराम से एक साल से अधिक चले इजराइल-हिज्बुल्लाह संघर्ष का अंत हुआ था, जिसमें ईरान समर्थित हिज्बुल्लाह को भारी नुकसान पहुंचा। इसके बाद से दोनों पक्ष एक-दूसरे पर संघर्ष विराम उल्लंघन के आरोप लगा रहे हैं। इजराइल लगातार लेबनानी सेना की ओर से हिज्बुल्लाह को निरस्त्र करने के प्रयासों पर सवाल उठा रहा है।

फ्रांस के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता पास्कल कोंफाव्रू ने बैठक के बाद बताया कि यह सहमति बनी है कि लेबनानी सेना द्वारा किए जा रहे निरस्त्रीकरण प्रयासों को ठोस सबूतों के साथ दस्तावेजी रूप दिया जाएगा और मौजूदा संघर्ष विराम तंत्र को और मजबूत किया जाएगा।

राजनयिकों के अनुसार, बढ़ते तनाव के बीच यह बैठक इसलिए अहम थी ताकि निरस्त्रीकरण प्रक्रिया की पहचान, निगरानी और समर्थन के लिए अधिक मजबूत व्यवस्था बनाई जा सके। लेबनान में 2026 में होने वाले संसदीय चुनावों को लेकर भी चिंता जताई जा रही है, क्योंकि राजनीतिक अस्थिरता से राष्ट्रपति जोसेफ औन पर निरस्त्रीकरण को आगे बढ़ाने का दबाव कम हो सकता है।

इस बीच, बैठक के दिन ही इजराइली वायुसेना ने दक्षिणी लेबनान और बेका घाटी में कई ठिकानों पर हमले किए। इजराइल ने दावा किया कि उसने हिज्बुल्लाह के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, जबकि लेबनान की संसद अध्यक्ष और हिज्बुल्लाह समर्थक अमल मूवमेंट के नेता नबीह बेरी ने इन हमलों को पेरिस बैठक के लिए “इजराइली संदेश” करार दिया।

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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय

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