(अपडेट) नेपाल में लिव-इन रिलेशनशिप को कानूनी मान्यता देने की मांग, सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर

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नेपाल, 14 मार्च (हि.स.)। नेपाल के सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर लिव-इन रिलेशनशिप को कानूनी मान्यता देने की मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट की वकील अनु भट्टराई ने यह याचिका गुरुवार को दायर की।

याचिकाकर्ता एवं अधिवक्ता अनु भट्टराई ने कहा कि बिना शादी के एकसाथ रहने वाले लोगों की तादाद में काफी बढ़ोतरी हुई है। लिव-इन रिलेशनशिप कानून के अभाव में समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। याचिका में मांग की गई है कि लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर सरकार को कानून बनाने का परमादेश जारी किया जाए। इस मामले में प्रधानमंत्री तथा मंत्रिपरिषद कार्यालय, गृह मंत्रालय, कानून मंत्रालय और संसदीय कार्य मंत्रालय को भी पक्षकार बनाया गया है।

याचिकाकर्ता ने अमेरिका से लेकर भारत तक में ऐसे कानून होने का जिक्र करते हुए नेपाल में भी सक्षम और योग्य पुरुष या महिला को लिव-इन रिलेशनशिप में रहने की इजाजत देने की मांग की है। याचिका में कहा गया है कि कानून के अभाव में लिविंग टुगेदर में रहने वाले जोड़े को ना तो समाज स्वीकृत करता है और ना ही उनका भविष्य ही सुरक्षित रहता है। अधिवक्ता भट्टराई ने कहा कि लिविंग टुगेदर आज सिर्फ फैशन ही नहीं बल्कि कई युवाओं की जरूरत भी है। ऐसे में बिना कानून के भी हजारों की संख्या में लोग लिव-इन रिलेशनशिप में रह रहे हैं। कानून बन जाने से उनकी समाज के प्रति, परिवार के प्रति और सरकार के प्रति भी जिम्मेदारी बढ़ जाएगी।

हिन्दुस्थान समाचार/पंकज दास/पवन

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