संयुक्त राष्ट्र में अपने भाषण में अमेरिकी राष्ट्रपति ने दुनिया में फैले तनाव और भारत में हुए चुनावों का किया जिक्र
नई दिल्ली, 24 सितंबर
(हि.स.)। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने आज संयुक्त राष्ट्र महासभा में अंतिम
भाषण दिया। इस दौरान उन्होंने दुनिया के कई देशों में जारी तनाव को लेकर अपने
विचार रखे।इसदौरानउन्होंने भारत
समेत कई देशों में हुए चुनावों का भी जिक्र किया और तारीफ की।
इजराइल और
हिज्बुल्लाह के बीच जारी हमलों को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने संयुक्त
राष्ट्र महासभा में कहा कि दुनिया को 07 अक्टूबर की भयावहता को भूलना नहीं चाहिए, इसे जिस देश ने
भी अंजाम दिया हो, उसे अब सुनिश्चित करना होगा कि ऐसा दोबारा न हो। हिज्बुल्लाह
बिना किसी उकसावे के इसमें शामिल होकर एक साल से इजराइल पर रॉकेट और मिसाइल दाग
रहा है। इजराइल-लेबनान सीमा के दोनों तरफ बहुत से लोग विस्थापित हुए हैं। ये जंग
किसी के हित में नहीं है। स्थिति और भी खराब हो गई है। कूटनीतिक समाधान ही एक
एकमात्र विकल्प है।
बाइडननेयहभीकहाकिहम आक्रामकता
के खिलाफ मजबूती से खड़े हैं।साथहीउन्होंनेकहाकिजब दुनिया साथ
मिलकर काम करती है तो हम कहीं अधिक मजबूत स्थिति में होते हैं।रूस-यूक्रेन के
हमलों को लेकर उन्होंने कहा कि जब रूस ने यूक्रेन पर आक्रमण किया, तो हम केवल
विरोध करके खड़े हो सकते थे।औरअमेरिका और
नाटो देश,
50
से ज्यादा देश,
यूक्रेन
के साथ खड़े हुए। उन्होंने कहाकि सबसे जरूरी बात ये थी कि यूक्रेनी लोग
भी रूस के खिलाफ खड़े रहें। ये अच्छी खबर है कि पुतिन का युद्ध फेल हो गया।
वहींअपनेभाषणकेदौरानबाइडननेचीनकोकड़ासंदेशभीदिया।उन्होंनेकहाकिवाशिंगटन
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपने गठबंधनों और साझेदारियों के नेटवर्क को मजबूत करना
जारी रखेगा। बाइडन ने स्पष्ट किया कि ये गठबंधन और साझेदारियां किसी देश के खिलाफ
नहीं हैं,
क्योंकि
अमेरिका चीन के साथ प्रतिस्पर्धा का जिम्मेदारी से प्रबंधन करना चाहता है। बाइडन
नेआगे कहाकि “हमें अपने
सिद्धांतों को भी बनाए रखने की आवश्यकता है, क्योंकि हम चीन
के साथ प्रतिस्पर्धा का जिम्मेदारी से प्रबंधन करना चाहते हैं, ताकि यह संघर्ष
में न तब्दील हो जाए।”उन्होंनेकहाकिवोइंडो पैसिफिक
में गठबंधन और साझेदारों को मजबूत करना जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि अमेरिका को
दुनिया की मदद से पीछे नहीं हटना चाहिए।
बाइडन ने भारत
समेत तमाम देश में शांतिपूर्वक संपन्न हुए चुनावों की तारीफकरते हुए कहा
कि हमने घाना से लेकर भारत और दक्षिण कोरिया तक दुनिया भर के लोगों को शांतिपूर्वक
अपना भविष्य चुनते देखा है। विश्व की एक-चौथाई आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाले
देश इस साल चुनाव करा रहे हैं।
अमेरिका के
राष्ट्रपति के रूप में आखिरी बार संयुक्त राष्ट्र में अपने संबोधन में बाइडन ने
कहा कि यह उल्लेखनीय है कि 1972 में अमेरिकी सीनेट के लिए पहली बार चुने जाने के
बाद से यह लोगों की शक्ति ही है, जो भविष्य के बारे में मुझे अधिक आशावादी बनाती
है।
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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय
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