अमेरिका ने दक्षिण सूडान के नागरिकों के लिए अस्थायी संरक्षित दर्जा समाप्त किया

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वॉशिंगटन, 06 नवम्बर (हि.स.)। अमेरिका ने दक्षिण सूडान के नागरिकों को दिया गया टेम्पररी प्रोटेक्टेड स्टेटस (टीपीएस) यानी अस्थायी संरक्षित दर्जा समाप्त कर दिया है। यह दर्जा पिछले एक दशक से अधिक समय से लागू था। बुधवार को अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग (डीएचएस) द्वारा जारी नोटिस में इसकी घोषणा की गई।

डीएचएस के अनुसार, दक्षिण सूडान के नागरिकों को 60 दिन की मोहलत दी गई है ताकि वे अमेरिका छोड़ सकें। इस अवधि के बाद, जनवरी की शुरुआत से उन्हें निर्वासन का सामना करना पड़ेगा।

यह कदम ट्रम्प प्रशासन की सख्त आव्रजन नीति का हिस्सा है, जिसके तहत कई देशों के हजारों प्रवासियों से कानूनी दर्जा छीना जा रहा है। टीपीएस एक मानवीय कार्यक्रम है जो युद्ध, प्राकृतिक आपदा या अन्य संकटों से प्रभावित देशों के नागरिकों को अस्थायी सुरक्षा और अमेरिका में काम करने की अनुमति देता है।

गौरतलब है कि दक्षिण सूडान में 2011 से ही हिंसा और संघर्ष जारी है। 2013 से 2018 तक चले गृहयुद्ध में करीब 4 लाख लोग मारे गए थे। संयुक्त राष्ट्र समर्थित एक रिपोर्ट के मुताबिक, वहां भोजन की भारी कमी और कुपोषण की स्थिति अब भी बनी हुई है।

डीएचएस ने कहा कि अब दक्षिण सूडान इस मानवीय संरक्षण के मानदंडों पर खरा नहीं उतरता। वर्तमान में करीब 232 दक्षिण सूडानी नागरिक इस दर्जे का लाभ ले रहे हैं, जबकि 73 आवेदन लंबित हैं।

सिर्फ दक्षिण सूडान ही नहीं, सीरिया, वेनेजुएला, हैती, क्यूबा और निकारागुआ जैसे देशों के नागरिकों के टीपीएस दर्जे भी समाप्त कर दिए गए हैं। ट्रम्प प्रशासन ने साथ ही शरणार्थियों की संख्या पर ऐतिहासिक रूप से सबसे कम सीमा तय की है।

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हिन्दुस्थान समाचार / आकाश कुमार राय

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