नेपाल में ऑनलाइन ठगी, बिहार-झारखंड के 12 युवक गिरफ्तार

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नेपाल में ऑनलाइन ठगी, बिहार-झारखंड के 12 युवक गिरफ्तार


नेपाल में ऑनलाइन ठगी, बिहार-झारखंड के 12 युवक गिरफ्तार


काठमांडू, 07 अगस्त (हि.स.)। नेपाल सीमा पर बिहार के रक्सौल से महज 60 किमी. दूर हेटौडा में एक फ्लैट किराए पर लेकर ठगी करने वाले 12 युवकों को पकड़ा गया है। मेडी असिस्ट नाम की एक कंपनी का दफ्तर खोलकर स्वास्थ्य संबंधी परामर्श की आड़ में ठगी का खेल चल रहा था। यहां परामर्श के नाम पर ऑनलाइन जुआ, ऑनलाइन सट्टेबाजी, उपहार का प्रलोभन देकर ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर कराने और क्रिप्टो करेंसी का भी कारोबार किया जाता था।

कुछ बाहर के लडके के एक फ्लैट कमरे में लेकर वहां से गैरकानूनी गतिविधि करने की सूचना मिलने के बाद छापा मारकर 12 लडकों को नियंत्रण में लिया गया है। एसपी रिजाल ने बताया कि पकडे गए अधिकांश बिहार और झारखंड के हैं जबकि एकाध दिल्ली का रहने वाला है। रिजाल के मुताबिक स्वास्थ्य सेवा परामर्श के नाम पर यहां से ऑनलाईन ठगी का धंधा चलाया जा रहा था।

हेटौडा के पुलिस एसपी सीताराम रिजाल ने बताया कि दिल्ली निवासी द्रविन कुमार सिंह ने नेपाल में 'मेडी असिस्ट' नाम की कंपनी पंजीकृत करवाई थी। इस कंपनी में काम करने वाले पटना आलमगंज के 28 वर्षीय नवनीत कुमार, झारखंड के 27 वर्षीय शाहरुख खान, पटना के ही 29 वर्षीय कुन्दन कुमार, नैनीताल उत्तराखंड के 26 वर्षीय आशीष कब्डौला, रांची के 34 वर्षीय विशाल, रांची के ही 38 वर्षीय लोकेश कुमार दूबे, रांची के 29 वर्षीय विकास कुमार सिंह, नांगलोई वेस्ट दिल्ली के 28 वर्षीय अरूण कुमार और गजियाबाद के 40 वर्षीय कुणाल शर्मा को पकड़ा गया है।

उन्होंने बताया कि इस पूरे धंधे का मास्टरमाइंड सहित तीन लोग फरार हैं। पकड़े गए 12 युवकों को मीडिया के सामने सार्वजनिक करते हुए एसपी रिजाल ने कहा कि यहां परामर्श के नाम पर ऑनलाइन जुआ, ऑनलाइन सट्टेबाजी, उपहार का प्रलोभन देकर ऑनलाइन पैसे ट्रांसफर कराने और क्रिप्टो करेंसी का भी कारोबार किया जाता था। कंपनी के दस्तावेज में इस कंपनी के कर्मचारियों को 18 हजार रुपये से 50 हजार तक मासिक वेतन देने की बात कही गई है लेकिन इस तरह का कोई रिकार्ड नहीं मिला है।

एसपी रिजाल ने बताया कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि झारखंड के रांची स्थित हेड ऑफिस में मेन सर्वर रखकर ठगी का यह धंधा 'क्विक कॉल क्लाइंट सॉफ्टवेयर' के माध्यम से चलाया जा रहा था। इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से 'लक्षित' व्यक्ति की पहचान कर उसकी सारी जानकारी सॉफ्टवेयर के माध्यम से नेपाल से रांची भेजी जा रही थी। इनकी ठगी का शिकार सिर्फ नेपाल ही नहीं, बल्कि भारत समेत कुछ और देश के नागरिक हो रहे थे। छापेमारी के दौरान पुलिस ने युवकों के पास से 13 मोबाइल फोन, 7 लैपटॉप, 3 राउटर, 1 हार्डडिस्क, 1 वेब कैम, मेडी असिस्ट के डाइरेक्टर के नाम से बनाए गए 2 पेपर स्टांप बरामद किये गए हैं।

हिन्दुस्थान समाचार / पंकज दास / सुनीत निगम

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